छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि बिहार, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में हालिया राजनीतिक घटनाक्रम से साफ़ संकेत मिलता है कि भाजपा 2024 के लोकसभा चुनावों में हार का सामना करने जा रही है. इसलिए, वह अन्य पार्टियों में विभाजन की साज़िश कर रही है, क्योंकि उसे अपने बल पर चुनाव का सामना करने का भरोसा नहीं है.
छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार ‘छत्तीसगढ़ ग़ैरक़ानूनी धर्मांतरण रोकथाम विधेयक’ विधानसभा में पेश करने वाली है, जिसमें अवैध धर्मांतरण की स्थिति में अधिकतम 10 साल की सज़ा का प्रावधान है. मसौदे में कहा गया है कि ‘एक धर्म से दूसरे धर्म में परिवर्तन अनुचित प्रभाव, जोर-जबरदस्ती, प्रलोभन या विवाह या किसी कपटपूर्ण तरीके से से नहीं कराया जा सकता है.
कांग्रेस नेता और उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव अंबिकापुर सीट पर भाजपा के राजेश अग्रवाल से 94 वोटों के मामूली अंतर से हार गए. वहीं, कांकेर सीट पर भाजपा के आशाराम नेताम ने कांग्रेस के उम्मीदवार शंकर ध्रुवा से सबसे कम 16 वोटों के अंतर से चुनाव जीता है.
राज्य में फर्जी जाति प्रमाणपत्र पर दी गई सरकारी नौकरियों के मामले में कोई कार्रवाई न होती देख 29 लोग विधानसभा के पास सड़क पर नग्न होकर विधायकों के वाहनों के सामने तख्तियां लेकर दौड़ पड़े थे. बीते 18 जुलाई से वह जेल में थे.
छत्तीसगढ़ में आरक्षण का दायरा 76 प्रतिशत तक बढ़ाने वाले दो संशोधन विधेयक राज्यपाल के पास सहमति के लिए लंबित हैं, जिन्होंने अपनी स्वीकृति देने से पहले राज्य की कांग्रेस सरकार से 10-बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा था. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उन पर विधेयकों को रोकने और एक वैधानिक निकाय को कमज़ोर करने का प्रयास करने का आरोप लगाया है.
छत्तीसगढ़ विधानसभा में पारित विधेयकों के अनुसार, राज्य में अनुसूचित जनजाति को 32 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत, अनुसूचित जाति को 13 प्रतिशत और आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए चार प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है. इसके साथ ही राज्य में आरक्षण का कुल कोटा 76 प्रतिशत हो गया है.