1984 बैच के यूपी कैडर के आईएएस अधिकारी दुर्गा शंकर मिश्रा बीते 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त होने वाले थे. अब उनका कार्यकाल जून 2024 तक छह महीने की अवधि के लिए बढ़ा दिया गया है. इसके अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव सुधांश पंत को राजस्थान का मुख्य सचिव नियुक्त किया है.
नज़दीक आते लोकसभा चुनावों के मद्देनज़र कांग्रेस ने अपने संगठन में फेरबदल करते हुए कई राज्यों के प्रभारी बदले हैं. पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी की जगह अविनाश पांडे को उत्तर प्रदेश का नया प्रभारी नियुक्त किया गया है. इससे पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम की अध्यक्षता में घोषणा-पत्र समिति गठित की गई थी.
कमलनाथ 2018 के विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष बनाए गए थे. उनकी जगह लेने वाले जीतू पटवारी हालिया संपन्न विधानसभा चुनाव में राऊ सीट से चुनाव हार गए थे. इसके अलावा उमंग सिंघार को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष नियुक्त किया गया है. वहीं, छत्तीसगढ़ में पार्टी ने चरण दास महंत को नेता प्रतिपक्ष नियुक्त किया है.
छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल नारायणपुर ज़िले का मामला. किसान की आत्महत्या के बाद छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रमुख ने दावा किया कि हाल के विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करने वाली भाजपा ने 2 लाख रुपये तक के कृषि ऋण माफ़ करने का वादा किया था, लेकिन अब इससे पीछे हट रही है. वहीं, भाजपा विधायक ने कहा कि ऐसा वादा नहीं किया गया था.
चार बार के सांसद विष्णु देव साय साल 2020 से 2022 तक पार्टी की छत्तीसगढ़ इकाई के अध्यक्ष रहे थे. साल 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार में वह केंद्रीय खान और इस्पात राज्य मंत्री थे. हाल ही में हुए चुनावों में भाजपा ने 90 सदस्यीय विधानसभा में 54 सीटें जीतकर भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को सत्ता से बेदख़ल कर दिया.
मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ इस विपक्षी गठबंधन के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यहां भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुक़ाबला है.
ग़ैरक़ानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत साल 2022 में सर्वाधिक 371 मामले जम्मू कश्मीर में दर्ज हुए. इसके बाद इसके तहत मणिपुर में 167, असम में 133 और उत्तर प्रदेश में 101 मामले दर्ज हुए.
पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च के मुताबिक, हालिया विधानसभा चुनावों में छत्तीसगढ़ एकमात्र राज्य है जहां 20% से अधिक महिला विधायक चुनी गई हैं. यहां कुल 90 विधायकों में से 19 महिलाएं जीती हैं.
वीडियो: तीन विधानसभा चुनावों में भाजपा की बड़ी जीत को लेकर वरिष्ठ पत्रकारों- राजन महान, आलोक पुतुल और द वायर के पॉलिटिकल एडिटर के साथ चर्चा कर रही हैं द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.
विधानसभा चुनावों में तीन राज्यों की जीत के बाद नरेंद्र मोदी ने 'हैट्रिक' शब्द कहते हुए आगामी लोकसभा चुनावों के लिए प्रचार की ज़मीन तैयार कर दी है. हालांकि, आंकड़ों के साथ इस दावे की पड़ताल भाजपा के लिए उतनी आश्वस्तकारी नहीं है, जितनी समझी जा रही है.
भाजपा ने राजस्थान और मध्य प्रदेश में सात-सात, छत्तीसगढ़ में चार और तेलंगाना में तीन सांसदों को चुनावी मैदान में उतारा था, जिनमें से मध्य प्रदेश में पांच, राजस्थान में चार और छत्तीसगढ़ में तीन सांसद विजयी हुए. हालांकि तेलंगाना में तीनों हार गए.
कांग्रेस नेता और उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव अंबिकापुर सीट पर भाजपा के राजेश अग्रवाल से 94 वोटों के मामूली अंतर से हार गए. वहीं, कांकेर सीट पर भाजपा के आशाराम नेताम ने कांग्रेस के उम्मीदवार शंकर ध्रुवा से सबसे कम 16 वोटों के अंतर से चुनाव जीता है.
आम आदमी पार्टी ने मध्य प्रदेश में 66, राजस्थान में 85 और छत्तीसगढ़ में 54 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन हर सीट पर उसे हार मिली. पार्टी तीनों राज्यों में से किसी में भी 1% वोट हासिल करने में विफल रही, जो नोटा विकल्प से भी कम वोट हैं.
मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी ने बड़ी जीत दर्ज की है, वहीं तेलंगाना विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सत्तारूढ़ बीआरएस को हराया है.
निर्वाचन आयोग के अनुसार, शाम क़रीब साढ़े सात बजे तक भाजपा 31 सीटें जीत चुकी है और 23 पर आगे चल रही है. वहीं कांग्रेस के हिस्से में अब तक 18 सीटें आई हैं और 17 पर यह आगे चल रही है.