केंद्रीय सूचना आयोग में हाल ही में नियुक्त चार सूचना आयुक्त पूर्व नौकरशाह हैं. हालांकि आरटीआई क़ानून की धारा 12 (5) बताती है कि सूचना आयुक्त विधि, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, सामाजिक सेवा, प्रबंधन, पत्रकारिता, संचार मीडिया, प्रशासन या शासन के क्षेत्र से नियुक्त किए जाने चाहिए.
सरकार द्वारा सार्वजनिक किए गए दस्तावेज़ों से यह खुलासा हुआ है कि इस पद के लिए आवेदन करने वाले दो वरिष्ठ सूचना आयुक्तों को भी शॉर्टलिस्ट नहीं किया गया था. हालांकि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा था कि आवेदन करने वालों में से ही सर्च कमेटी द्वारा शॉर्टलिस्ट किया जाएगा.
केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने सभी दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि रोजाना छपाई होने वाले नोट का आंकड़ा इतना संवेदनशील नहीं है कि इसकी जानकारी देने से मना किया जाए.
एक आरटीआई आवेदन पर सुनवाई करते हुए केंद्नीय सूचना आयोग ने भी कहा है कि आधार जोड़ने के नाम पर वरिष्ठ नागरिकों की पेंशन का भुगतान होने में देरी नहीं होनी चाहिए.
वित्त मंत्रालय और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी ने आरटीआई के तहत काले धन को लेकर मांगे गए रिसर्च रिपोर्ट को उजागर करने से इनकार कर दिया है.
प्रधानमंत्री कार्यालय ने नोटबंदी से संबंधित सूचना देने से यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि याचिकाकर्ता द्वारा मांगी गई जानकारी आरटीआई कानून के तहत ‘सूचना’ के दायरे में नहीं आती. इससे देश के आर्थिक हित प्रभावित होंगे.
मुख्य सूचना आयुक्त ने पीएमओ द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर प्रतिनिधिमंडल में शामिल लोगों के नाम ज़ाहिर करने पर जताई गई आपत्ति को ख़ारिज कर दिया.
पार्टियों ने सीआईसी के उस आदेश का पालन नहीं किया जिसमें कहा गया था कि सभी राष्ट्रीय पार्टियां आरटीआई कानून के दायरे में आएं.