मणिपुर टेप्स: सीएम बीरेन सिंह की कथित आवाज़ वाली ऑडियो क्लिप की जांच करेगा सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर हिंसा में मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह की भूमिका की ओर इशारा करने वाले ऑडियो टेप की जांच की याचिका पर केंद्र सरकार द्वारा कड़ी आपत्ति जताए जाने के बावजूद इसकी जांच करने की बात कही है.

मणिपुर: बीरेन सिंह मंत्रिमंडल का फैसला, ग़ैर-मान्यता प्राप्त गांवों को नहीं मिलेंगे सरकारी लाभ

बीरेन सिंह कैबिनेट का ग़ैर-मान्यता प्राप्त गांवों को सरकारी लाभ से वंचित रखने का फैसला मणिपुर सरकार की उस पहल के बीच सामने आया है, जिसमें राज्य के जिलाधिकारियों से 1946 के बाद से घरों की संख्या के साथ-साथ मान्यता प्राप्त और ग़ैर-मान्यता प्राप्त गांवों की संख्या की जानकारी मांगी गई है.

मणिपुर टेप: बीरेन सिंह ने कथित तौर पर लिया जातीय संघर्ष का श्रेय- ‘मैंने ये सब शुरू किया’

मणिपुर टेप्स पड़ताल के तीसरे हिस्से में कथित तौर पर मुख्यमंत्री बीरेन सिंह कहते हैं कि राज्य की सरकारी नौकरियों में अधिकतर कुकी हैं, जो एसटी कोटे की मदद वहां पहुंचे हैं. वे कथित तौर पर पंद्रह महीने से जारी जातीय संघर्ष को शुरू करने का दावा भी करते हैं.

मणिपुर टेप्स: जातीय हिंसा को लेकर सीएम एन. बीरेन सिंह की भूमिका पर गंभीर सवाल

वीडियो: मणिपुर में बीते 15 महीनों से जारी जातीय संघर्ष के बीच एक पड़ताल में सामने आए ऑडियो टेप्स ने सीएम एन. बीरेन सिंह की भूमिका पर सवाल उठाए हैं. हिंसा के दौरान राज्य में तैनात असम राइफल्स को लेकर भी विवाद हुआ. इन पर द वायर की नेशनल अफेयर्स एडिटर संगीता बरुआ पिशारोती और द हिंदू की डिप्टी एडिटर विजेता सिंह से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.

मणिपुर ऑडियो टेप: क्या सीएम ने अमित शाह के आदेश के उलट राज्य में बम के इस्तेमाल का आदेश दिया?

मणिपुर में सालभर से चल रहे संघर्ष की पृष्ठभूमि में मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह की एक कथित ऑडियो रिकॉर्डिंग, जिसे हिंसा की जांच कर रहे आयोग के सामने भी रखा गया है, सीएम के तौर पर उनके आचरण और इरादों पर सवाल खड़े करती है. मणिपुर सरकार ने रिकॉर्डिंग को 'फ़र्ज़ी' कहा है.

मणिपुर: उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ में एक सीआरपीएफ जवान शहीद, दो पुलिसकर्मी घायल

घटना जिरीबाम ज़िले की है. शनिवार रात आतंकवादियों के साथ गोलीबारी के बाद रविवार सुबह केंद्रीय और राज्य सुरक्षा बलों की एक संयुक्त टीम कथित तौर पर तलाशी अभियान चला रही थी, तभी उन पर हमला किया गया. 

मणिपुर: सुप्रीम कोर्ट की समिति ने लावारिस शवों की शिनाख़्त कर सम्मानपूर्वक निपटान की सलाह दी

मणिपुर में हिंसा की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित की गई समिति ने राज्य सरकार को सुझाव दिया है कि वह उन शवों के परिजनों की पहचान करने के प्रयास करे जो 3 मई को शुरू हुई जातीय हिंसा के बाद से राज्य के मुर्दाघरों में लावारिस पड़े हुए हैं.

मणिपुर हिंसा: मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने इस्तीफ़ा देने की अटकलों पर विराम लगाया

ख़बर थी कि हिंसाग्रस्त मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह शुक्रवार को राज्यपाल से मुलाकात करने वाले हैं. इसके बाद उनके इस्तीफ़े की अटकलें तेज़ हो गई थीं. मई की शुरुआत से राज्य में शुरू हुई जातीय हिंसा से निपटने के अपने तरीके को लेकर मुख्यमंत्री को काफी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है.

मणिपुर हिंसा के बीच भारतीय सेना की राज्य की महिलाओं से अपील का क्या अर्थ है?

वीडियो: 26 जून को भारतीय सेना के स्पीयर कॉर्प्स के ट्विटर हैंडल से जारी एक वीडियो में कहा गया कि मणिपुर में महिला प्रदर्शनकारी ‘सशस्त्र दंगाइयों’ को सहयोग और समर्थन दे रही है और राज्य में सुरक्षा बलों के अभियानों में दख़ल दे रही हैं. उन्होंने सहयोग की अपील भी की थी.

मणिपुर हिंसा: शीर्ष आदिवासी संगठन ने एन. बीरेन सिंह सरकार के साथ बातचीत से इनकार किया

मणिपुर के प्रभावशाली आदिवासी संगठन इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम ने कहा है कि मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक के बाद हितधारकों तक पहुंचने का विचार बहुत देर से व्यक्त किया, जब इतने सारे निर्दोष जीवन और संपत्तियों का नुकसान हो गया और कुकी-ज़ो आदिवासियों को कठिन दौर से गुज़रना पड़ा.

मणिपुर हिंसा: कोर्ट में याचिका, मेईतेई समुदाय के कथित अत्याचारों की जांच के लिए एसआईटी की मांग

मणिपुर ट्राइबल फोरम ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की है कि हिंसा के दौरान उनके द्वारा सूचीबद्ध किए गए प्रत्येक मौत के मामले में एफ़आईआर दर्ज कर मुक़दमा एसआईटी द्वारा चलाया जाए. कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कर्नाटक में चुनाव प्रचार में व्यस्त होने के बजाय हिंसा प्रभावित मणिपुर के प्रति अपना कर्तव्य पूरा करने को कहा.

मणिपुर: अख़बार को धमकी मिलने के बाद मीडिया संस्थानों ने काम बंद किया

मणिपुर के एक स्थानीय अखबार पोकनाफाम को बंद किए जाने की धमकी मिलने के बाद विरोध के तौर पर यहां के मीडिया संस्थानों ने शुक्रवार से 48 घंटे तक काम न करने का निर्णय लिया है. बीते 13 फरवरी को इसी अख़बार के दफ़्तर पर अज्ञात हमलावरों ने ग्रेनेड फेंका था.

मणिपुर: अख़बार के दफ़्तर पर हमले के ख़िलाफ़ पत्रकारों ने काम बंद किया, अख़बार-टीवी प्रसारण बंद रहे

बीते 13 फरवरी की शाम को इंफाल पश्चिम ज़िले के कीशामपाट थियाम लीकाई में पोकनाफाम अख़बार के दफ़्तर पर हैंड ग्रेनेड फेंका गया था, जिसके विरोध में पत्रकारों ने धरना दिया. उन्होंने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपते हुए अपील की कि राज्य में प्रेस के स्वतंत्र रूप से काम करना सुनिश्चित किया जाए.