राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा झारखंड और बिहार के अभ्रक खदान वाले इलाकों में बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य पर किए गए सर्वेक्षण में ये खुलासा हुआ है.
राजस्थान के चूड़ी कारख़ानों से दिसंबर 2017 से नवंबर 2018 के बीच में मुक्त कराए गए ये सभी बच्चे बिहार से हैं.
बिहार का गया ज़िला भले ही धार्मिक कारणों से दुनिया भर में मशहूर है, लेकिन पिछले कुछ सालों में इस ज़िले पर एक और तमगा चस्पां हो गया है. गया इकलौता ज़िला बन गया है, जहां के सबसे ज़्यादा बच्चे बाल मज़दूर बनकर दूसरे राज्यों की फैक्ट्रियों में काम करने को मजबूर हैं.