केरल क्रिकेट एसोसिएशन के एक कोच को पिछले महीने ही 2019 में एक नाबालिग लड़की का यौन शोषण करने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था. अब पांच अन्य नाबालिगों ने भी उन पर ऐसे ही आरोप लगाए हैं. नाबालिग लड़कियों का कहना है कि कोच ने कथित तौर पर शारीरिक फिटनेस जांचने की आड़ में उनकी नग्न तस्वीरें क्लिक की थीं.
इंडिया चाइल्ड प्रोटेक्शन फंड के एक अध्ययन में बताया गया है कि साल 2022 में पॉक्सो अधिनियम के तहत केवल 3% मामलों में सज़ा हुई थी. अध्ययन के अनुसार, देश में 1,000 से अधिक फास्ट-ट्रैक अदालतों में से प्रत्येक हर साल औसतन केवल 28 मामलों का निपटारा कर रही है, जो 165 के लक्ष्य से कहीं पीछे है.
कर्नाटक के चित्रदुर्ग स्थित मुरुग मठ द्वारा संचालित स्कूल के छात्रावास में रहने वाली दो नाबालिग छात्राओं के कथित यौन शोषण मामले में महंत शिवमूर्ति मुरुग शरणारू को बीते एक सितंबर को गिरफ़्तार किया गया था. शरणारू राज्य में लिंगायत समुदाय के सबसे प्रतिष्ठित एवं प्रभावशाली मठों में से एक के महंत हैं.
कर्नाटक के चित्रदुर्ग ज़िले में स्थित मुरुग मठ द्वारा संचालित स्कूल के छात्रावास में रहने वाली दो नाबालिग छात्राओं के कथित यौन शोषण के मामले में मुख्य पुजारी महंत शिवमूर्ति मुरुग शरणारू को गिरफ़्तार किया गया है. यह मठ लिंगायत समुदाय के सबसे प्रतिष्ठित एवं प्रभावशाली मठों में से एक हैं.
क़रीब दो महीने पहले तमिलनाडु के एक कोच पी. नागराजन पर 19 साल की राष्ट्रीय स्तर की महिला एथलीट ने यौन योषण के आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. पुलिस ने बताया कि जांच अधिकारी का मोबाइल नंबर और ईमेल एड्रेस प्रकाशित करने के बाद कई और महिलाएं समान आरोपों के साथ सामने आई हैं.
कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन द्वारा के अध्ययन के अनुसार हर साल बाल यौन उत्पीड़न के क़रीब तीन हज़ार मामले सुनवाई के लिए अदालत नहीं पहुंच पाते क्योंकि पुलिस पर्याप्त सबूत न होने के कारण आरोपपत्र दायर करने से पहले ही जांच बंद कर देती है. इसमें 99 फीसदी मामले बच्चियों के यौन शोषण के ही होते हैं.
केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी यह परामर्श हाथरस में एक दलित युवती के कथित गैंगरेप और मौत मामले में राष्ट्रव्यापी रोष के बाद आई है. परामर्श में कहा गया है कि बलात्कार के मामलों में मौत के समय दिए गए बयान को केवल इसलिए ख़ारिज नहीं किया जा सकता, क्योंकि वह मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज नहीं किया गया.
दक्षिण दिल्ली के कोविड केयर सेंटर में 15 जुलाई को यह घटना हुई. आरोप है कि एक आरोपी ने शौचालय में नाबालिग लड़की का यौन उत्पीड़न किया, जबकि एक अन्य शख़्स ने इस घटना का वीडियो बनाया था.
मामला मुज़फ़्फ़रनगर के शुक्रताल के गौड़ीय मठ का है, जहां बच्चों के साथ अमानवीय व्यवहार की शिकायत पर पुलिस और चाइल्ड लाइन की टीम ने दस नाबालिगों को मुक्त कराया था. बच्चों ने आश्रम के प्रबंधक भक्ति भूषण महाराज पर शराब पिलाने के बाद अश्लील वीडियो दिखाकर यौन शोषण करने के आरोप लगाए हैं.
साल 2009 में अनुसूचित जाति की नाबालिग लड़की से हुए बलात्कार के आरोप में निचली अदालत ने एक बुज़ुर्ग को दोषी ठहराया था. इस व्यक्ति ने इस फ़ैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए यह कहा कि उसने सहमति से यौन संबंध बनाए थे.
मामला मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले का है. पुलिस ने बताया कि बच्ची का शव गांववालों को 29 मई को कुएं में मिला था. पुलिस अधीक्षक ने कहा कि लापरवाही के आरोप में संबंधित थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है.
हरियाणा के गुरुग्राम में स्वयंभू बाबा ज्योतिगिरी महाराज पर कई महिलाओं और नाबालिग बच्चियों के यौन उत्पीड़न का आरोप है. इस संबंध में सोशल मीडिया पर उनके वीडियो वायरल होने के बाद से वह फरार हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने देश में बच्चों के साथ बढ़ते बलात्कार के मामलों पर स्वतः संज्ञान लेते हुए इस बारे में दिशानिर्देश तैयार करने का निर्णय लिया है. सीजेआई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि यह चौंकाने वाला है कि इस साल अब तक दर्ज 24 हज़ार से अधिक मामलों में से सिर्फ 6,449 मामलों में सुनवाई शुरू हुई है.
आॅस्ट्रेलिया में पांच वर्ष तक चली जांच में 8,000 से ज़्यादा ऐसे मामले सामने आए थे जो बाल यौन शोषण से जुड़े हुए थे और ज़्यादातर बच्चों का शोषण चर्च या फिर ऐसे राज्य संचालित संस्थानों में हुआ था जिन पर बच्चों की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी थी.