अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा के विरोध में अमेरिका के साथ कई सहयोग कार्यक्रमों पर रोक लगाने के बीच अफ़ग़ानिस्तान के लिए चीन के विशेष दूत यू. शाओयोंग इस युद्ध प्रभावित राष्ट्र में सुरक्षा हालातों और मानवीय सहायता पर भारतीय अधिकारियों से चर्चा करने के लिए पहली बार भारत आए.
ताइवान को अपना क्षेत्र बताते हुए चीन उसके अधिकारियों की विदेशी सरकारों के साथ बातचीत का विरोध करता रहा है. चीन ने नैंसी पेलोसी की यात्रा का भी विरोध करते हुए अमेरिका को परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है. पेलोसी पिछले 25 वर्षों में ताइवान की यात्रा करने वाली अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की पहली अध्यक्ष हैं.
ताइवान पर चीन अपना अधिकार होने का दावा करता है, जबकि यह द्वीप 1949 में गृहयुद्ध के दौरान कम्युनिस्ट शासित मुख्य भूमि से अलग होने के बाद से स्वायत्तशासी है. दोनों देशों में बढ़ते तनाव के बीच ताइवान की राष्ट्रपति ने बातचीत और आपसी सम्मान का आह्वान करते हुए कहा कि ताइवान का भविष्य ताइवान के लोगों द्वारा ही तय किया जाना चाहिए.