एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत में फेसबुक पर हेट स्पीच और ध्रुवीकरण को लेकर कंपनी के स्टाफ ने 2018 से 2020 के दौरान कई बार चिंता जताई थी. कर्मचारियों के अलर्ट के बावजूद फेसबुक के तत्कालीन उपाध्यक्ष क्रिस कॉक्स की 2019 में हुई आंतरिक समीक्षा बैठक में इन्हें कोई तवज्जो नहीं दी गई.