इंदौर प्रशासन ने क़ानून-व्यवस्था की स्थिति का हवाला देते हुए बुधवार को होने वाली ईसाई समुदाय की प्रार्थना सभा की अनुमति रद्द कर दी थी क्योंकि इंदौर लोकसभा क्षेत्र के एक सहायक चुनाव अधिकारी ने कहा था कि हिंदू लोग सभा का विरोध कर रहे हैं. शीर्ष अदालत ने अनुमति रद्द करने को अनुचित बताया है.
राम मंदिर आयोजन की चकाचौंध में ग्राहम स्टेंस की बर्बर हत्या और उसके निहितार्थों को याद करना भी मुनासिब नहीं समझा गया. जबकि इस बर्बर हत्याकांड में वह तमाम संकेत मिलते हैं, जिन्हें 21वीं सदी की बहुसंख्यकवादी राजनीति में भरपूर प्रयोग में लाया गया.
छत्तीसगढ़ के जशपुर ज़िले में बीते 21 जनवरी को एक हिंदुत्व समूह द्वारा ईसाई समुदाय के कुछ लोगों को पीटने की घटना सामने आई है. आरोप है कि हमलावार वही लोग थे, जो नियमित रूप से राम मंदिर समारोह से संबंधित रैलियों में भाग ले रहे थे. हिंदूत्व समूह ने भी ईसाई समूह पर पथराव के आरोप में केस दर्ज कराया है.
बेंगलुरु आर्कबिशप डॉ. पीटर मचाडो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उनके आवास पर क्रिसमस समारोह रखने को लेकर उनका धन्यवाद देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को हेट स्पीच और चर्च पर हमलों जैसे ईसाई समुदाय के महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी ध्यान देना चाहिए.
ईसाई समुदाय का एक प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष से मुलाकात कर विभिन्न राज्यों में पुलिस द्वारा समुदाय के सदस्यों पर जबरन धर्म परिवर्तन के आरोप लगाए जाने पर भी नाराज़गी व्यक्त की. प्रतिनिधियों ने अपनी प्रमुख चिंताओं में मणिपुर में चर्चों पर हमलों का मुद्दा उठाया.
सिविल सोसायटी संगठन ‘यूनाइटेड क्रिश्चियन फोरम’ द्वारा जारी नवीनतम आंकड़े बताते हैं कि मौजूदा वर्ष 2023 के पहले 8 महीनों में भारत में ईसाइयों के खिलाफ 525 हमले हुए हैं. मणिपुर में हिंसा, जहां पिछले चार महीनों में सैकड़ों चर्च नष्ट कर दिए गए हैं, को देखते हुए इस वर्ष यह संख्या विशेष रूप से अधिक होने की संभावना है.
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्वाचन क्षेत्र पाटन स्थित एक घर में रविवार की प्रार्थना कर रहे ईसाई समुदाय के लोगों पर बजरंग दल के सदस्यों ने जबरन धर्मांतरण कराने का आरोप लगाकर कथित तौर पर हमला किया. आरोप है कि पुलिस ने हमलावरों को जाने दिया और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को हिरासत में ले लिया.
वीडियो: एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पहली बार केंद्र की सत्ता संभालने के बाद ईसाई समुदाय के ख़िलाफ़ हिंसा के मामले 400 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं. इसके अलावा हिंसा की सबसे अधिक घटनाएं उत्तर प्रदेश से दर्ज की गई हैं.
ईसाई समुदाय और संस्थानों को निशाना बनाकर किए जा रहे हमलों से संबंधित एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गृह मंत्रालय से कहा है कि वह संबंधित राज्यों से ईसाइयों पर हमलों से जुड़े मामलों में की गई कार्रवाई का डेटा एकत्र करे. यह डेटा कम से कम आठ राज्यों से एकत्र किया जाना है.
मध्य प्रदेश के मंडला ज़िले का मामला. पुलिस ने इस संबंध में छात्रावास अधीक्षक को भी गिरफ़्तार किया है. स्थानीय बाल कल्याण समिति की एक रिपोर्ट के आधार पर आरोपियों के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया है.
मुंबई के उपनगरीय माहिम स्थित सेंट माइकल चर्च ने एक बयान में कहा है कि परिसर में क़ब्रिस्तान के लगभग 18 क्रॉस टूटे हुए मिले हैं. पुलिस ने कहा कि घटना के संबंध में एफ़आईआर दर्ज कर सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है. अपराधी के ख़िलाफ़ उचित क़ानूनी कार्रवाई की जाएगी.
देश भर में ईसाई समुदाय के प्रति अपनी एकजुटता दिखाते हुए ईसाई संगठनों ने विभिन्न राज्य और केंद्र सरकार के अधिकारियों को पूरे देश में ईसाइयों और अन्य अल्पसंख्यक समूहों के जीवन और संपत्तियों की रक्षा करने का आह्वान करते हुए हिंसा और नफ़रत फैलाने वाले अपराधियों पर नियंत्रण लगाने की मांग की है.
गुजरात के वडोदरा शहर स्थित मकरपुरा की एक रिहायशी कॉलोनी का मामला. हमले में एक महिला समेत चार लोग घायल हो गए. आरोप है कि हमलावरों ने कुछ लोगों के कपड़े भी फाड़ दिए थे. मामले में अज्ञात हमलावरों के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई गई है.
कर्नाटन के कोलार ज़िले में स्थित मुलबगल सोमेश्वरा पालया बाले चंगप्पा सरकारी कन्नड मॉडल हायर प्राइमरी स्कूल का मामला. बीते 22 जनवरी को हिंदू संगठनों और अभिभावकों के एक वर्ग द्वारा विरोध प्रदर्शन के बाद इसमें शामिल पूर्व छात्रों में से एक ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, कोलार सांसद और शिक्षा विभाग के अधिकारियों से हस्तक्षेप करने की मांग की है.