फिल्म ‘झुंड’ की निर्माता ने फिल्मों को टैक्स फ्री किए जाने के मापदंड पर सवाल उठाए

हाल ही में रिलीज़ हुई अमिताभ बच्चन अभिनीत फिल्म 'झुंड' की निर्माताओं में से एक सविता राज हिरेमठ ने सवाल किया है कि फिल्मों को कर मुक्त यानी टैक्स फ्री किए जाने के लिए सरकार के चयन के क्या मापदंड हैं. उन्होंने कई राज्यों द्वारा द कश्मीर फाइल्स को टैक्स फ्री किए जाने के आलोक में कहा कि अगर यह एक महत्वपूर्ण फिल्म है, तो 'झुंड' भी कम नहीं है.

द कश्मीर फाइल्स: पुराने जख़्म पर मरहम के बहाने नए ज़ख़्मों की तैयारी

हालिया रिलीज़ फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ में कश्मीरी पंडितों के बरसों पुराने दर्द को कंधा बनाकर और उस पर मरहम रखने के बहाने कैसे एक पूरे समुदाय विशेष को ही निशाना बनाया जा रहा है.

फिल्म लेखक और समीक्षक जयप्रकाश चौकसे का निधन

हिंदी अख़बार ‘दैनिक भास्कर’ में लगातार 26 साल से ‘परदे के पीछे’ के नाम का स्तंभ लिखने वाले 82 वर्षीय फिल्म लेखक और समीक्षक जयप्रकाश चौकसे लंबे समय से कैंसर से पीड़ित थे. पांच दिन पहले ही उन्होंने इस स्तंभ की आख़िरी किश्त लिखते हुए अपने पाठकों से विदा मांगी थी.

इब्राहीम अश्क: न जाने कितनी ज़बानों से हम बयां होंगे…

स्मृति शेष: इब्राहीम अश्क फ़िल्मी गीतकारों से बहुत अलग थे और साहित्य की हर करवट पर नज़र रखते थे. फ़िल्मी और पेशेवर शायर कहकर उनके क़द को अक्सर ‘कमतर’ बताया गया. शायद इसलिए भी अश्क ने अपनी कई आलोचनात्मक तहरीरों में कथित साहित्यकारों की ख़ूब ख़बर ली.

वो जो था ख़्वाब-सा…

गए बरस इरफ़ान के जनाज़े में शामिल न होने का मलाल लिए जब साल भर बाद मैं उनकी क़ब्र पर पहुंचा तो ज़िंदगी-मौत, सच और झूठ के अलावा मोहब्बत पर भी बात निकली. और जो निकली तो फिर दूर तलक गई.

महाराष्ट्र: पोर्नोग्राफी मामले में राज कुंद्रा और उनके सहयोगी को ज़मानत मिली

अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा को अपराध शाखा ने पोर्नोग्राफिक फिल्मों के कथित निर्माण और उन्हें ऐप्स के ज़रिये प्रसारित करने के मामले में 19 जुलाई को गिरफ़्तार किया था. सोमवार को स्थानीय अदालत ने उन्हें और उनके सहयोगी रयान थोर्प को ज़मानत दे दी.

जाने-माने अभिनेता अनुपम श्याम का निधन

गुर्दे में संक्रमण से जूझ रहे अनुपम श्याम को पिछले सप्ताह मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां सोमवार को उनके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया. धारावाहिक ‘मन की आवाज़: प्रतिज्ञा’ के किरदार सज्जन सिंह के नाम से मशहूर श्याम फिल्म ‘स्लमडॉग मिलियनेयर’ और ‘बैंडिट क्वीन’ का भी हिस्सा रहे हैं.

अभिनेत्री सुरेखा सीकरी का निधन

अनुभवी अभिनेत्री सुरेखा सीकरी ने साल 1978 में अपने फिल्मी परदे का सफ़र राजनीतिक ड्रामा फिल्म ‘किस्सा कुर्सी का’ से शुरू किया गया था. 1986 में आई गोविंद निहलानी की फिल्म ‘तमस’, 1994 में आई श्याम बेनेगल की फिल्म ‘मम्मो’ और साल 2018 में अमित रवींद्रनाथ शर्मा के निर्दशन में बनी फिल्म ‘बधाई हो’ के लिए उन्हें तीन बार सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला था.

दिलीप कुमार के जाने से हिंदी सिनेमा के स्वर्ण युग की आख़िरी कड़ी भी टूट गई…

ट्रैजिक हीरो की भूमिकाओं के साथ-साथ ही हल्की-फुल्की कॉमेडी करने की भी क्षमता के लिए मशहूर दिलीप कुमार को उनके प्रशंसकों और साथ काम करने वालों द्वारा भी हिंदी सिनेमा का महानतम अभिनेता माना जाता है.

जाने-माने अभिनेता दिलीप कुमार का निधन

हिंदी फिल्म जगत में ‘ट्रैजडी किंग’ के नाम से मशहूर दिलीप कुमार 98 वर्ष के थे. अपने पांच दशक लंबे करिअर में उन्होंने ‘मुग़ल-ए-आज़म’, ‘देवदास’, ‘नया दौर’ तथा ‘राम और श्याम’ जैसी अनेक हिट फिल्में दीं. ‘गंगा जमुना’, ‘मधुमति’, ‘क्रांति’, ‘विधाता’, ‘शक्ति’ और ‘मशाल’ जैसी फिल्मों में बेजोड़ अभिनय के​ लिए उन्हें जाना जाता है.

रिलीज़ के बाद फिल्म पर रोक लगाने संबंधी अधिनियम के ख़िलाफ़ फिल्मकारों ने सरकार को पत्र लिखा

फिल्मकारों ने कहा है कि सिनेमैटोग्राफ अधिनियम में संशोधन के केंद्र के प्रस्ताव से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक असहमति के ख़तरे में पड़ने की आशंका है. बीते अप्रैल में सरकार ने फिल्म प्रमाणन अपीलीय न्यायाधिकरण को ख़त्म करने का फैसला किया था. यह न्यायाधिकरण केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड द्वारा सुझाए गए कटौती से पीड़ित फिल्म निर्माताओं की अपील सुनने के लिए गठित एक वैधानिक निकाय थी.

भोपाल गैस त्रासदी के लिए आगाह करने वाले वरिष्ठ पत्रकार राजकुमार केसवानी का निधन

72 वर्षीय राजकुमार केसवानी बीते दिनों कोविड-19 से पीड़ित होने के बाद हुए फेफड़ों के संक्रमण के चलते भोपाल के एक अस्पताल में भर्ती थे, जहां शुक्रवार को उनका देहांत हो गया. वे भोपाल गैस त्रासदी से पहले यूनियन कार्बाइड की सुरक्षा चूक पर ध्यान दिलाने की रिपोर्टिंग और उनके साप्ताहिक सिनेमा कॉलम के लिए जाने जाते थे.

आनंद, वो फिल्म जिसका हास्यबोध अपने वैविध्य के प्रति आश्वस्त भारत को दिखाता है

1971 रिवाइंड: पचास साल बाद भी हृषिकेश मुखर्जी का 'आनंद' भाषा, जाति, मज़हब की हदों के परे जाकर उसी तरह ख़ुशियां लुटा रहा है.

सागर सरहदी, जो ताउम्र विभाजन के विषाद और उजड़ जाने का एहसास लिए जीते रहे

स्मृति शेष: सागर सरहदी इस एहसास के साथ जीने की कोशिश करते रहे कि दुनिया को बेहतर बनाना है. मगर अपनी बदनसीबी के सोग में इस द्वंद्व से निकल ही नहीं पाए कि साहित्य और फिल्मों के साथ निजी जीवन में भी एक समय के बाद अपनी याददाश्त को झटककर ख़ुद से नया रिश्ता जोड़ना पड़ता है.

1 2 3 4 5 9