केरल के एक कार्यकर्ता को यौन उत्पीड़न के मामले में अग्रिम ज़मानत देते हुए सत्र अदालत ने कहा था कि केस में आईपीसी की धारा 354 ए मान्य नहीं है क्योंकि महिला ने 'यौन रूप से भड़काऊ कपड़े' पहने थे. हाईकोर्ट ने अग्रिम ज़मानत के निर्णय को बरक़रार रखते हुए इस टिप्पणी को अदालत के आदेश से हटाने को कहा है.