न्यायाधीशों की ओर से उठाए गए मुद्दे, न्यायपालिका का आंतरिक मामला: सरकारी सूत्र

उच्चतम न्यायालय के चार वरिष्ठ न्यायाधीशों द्वारा शीर्ष न्यायालय में स्थिति ठीक नहीं बताए जाने के बयान पर कांग्रेस ने कहा कि लोकतंत्र ख़तरे में है.

‘जजों का इस तरह मीडिया के सामने आना गंभीर है, इससे चीफ जस्टिस की छवि पर सवाल उठते हैं’

सुप्रीम कोर्ट के चार जजों के मीडिया के सामने आकर सुप्रीम कोर्ट की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाने पर पूर्व न्यायाधीशों और न्यायपालिका से जुड़े विभिन्न लोगों ने अपनी राय साझा की है.

पढ़ें: चार सुप्रीम कोर्ट जजों द्वारा चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा को भेजा गया पत्र

सुप्रीम कोर्ट के चार जजों ने शुक्रवार सुबह मीडिया से बात करते हुए शीर्ष अदालत के काम पर सवाल उठाए हैं, साथ ही उन्होंने मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा को एक पत्र भेजा है. पढ़ें ये पत्र.

इतिहास में पहली बार सुप्रीम कोर्ट के चार जजों की प्रेस कॉन्‍फ्रेंस, चीफ जस्टिस पर उठाए सवाल

जस्टिस जे. चेलमेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को नहीं बचाया गया तो लोकतंत्र नाकाम हो जाएगा.

मौलिक अधिकारों के साथ कोई समझौता नहीं हो सकता: मुख्य न्यायाधीश

संविधान दिवस: केंद्रीय क़ानून मंत्री ने कहा, शासन का काम उनके पास रहना चाहिए जो इसके लिए निर्वाचित हुए हों. सीजेआई बोले, नागरिकों का अधिकार सर्वोच्च होना चाहिए.

‘सुप्रीम कोर्ट एक संपादकीय पर स्वतः संज्ञान ले सकता है, तो जज की मौत पर क्यों नहीं’

सीबीआई जज बृजगोपाल हरकिशन लोया की मौत और न्यायपालिका पर उनके परिवार द्वारा उठाए गए सवालों पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और पत्रकार अरुण शौरी का नज़रिया.

जज बृजगोपाल लोया की ‘संदिग्ध मौत’ की जांच बेहद ज़रूरी: जस्टिस एपी शाह

दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस का मानना है कि जज बृजगोपाल लोया की संदिग्ध मौत के बारे जांच ज़रूरी है क्योंकि ऐसे मामले में लगे आरोप न्यायपालिका की साख कलंकित कर सकते हैं.

कांचा इलैया की किताब बैन करने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

इलैया की किताब बैन करने की याचिका ख़ारिज करते हुए चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की बेंच ने कहा कि हम किताबों पर प्रतिबंध लगाने के लिए यहां नहीं बैठे हैं. किसी किताब को सिर्फ इसलिए बैन नहीं किया जा सकता क्योंकि वो विवादित है.

क्या जिस व्यक्ति पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हों, उसे देश का मुख्य न्यायाधीश बनाया जाना चाहिए?

जस्टिस दीपक मिश्रा को देश का मुख्य न्यायाधीश बनाये जाने पर सवाल उठा रहे हैं पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण.

सुप्रीम कोर्ट का कश्मीरी पंडितों की सामूहिक हत्या की जांच याचिका पर सुनवाई से इनकार

कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि 27 साल बाद उन मामलों के सबूत इकट्ठा करना मुश्किल होगा, जिनकी वजह से कश्मीरी पंडितों को पलायन करना पड़ा था.

सुनें: देश की न्यायपालिका से प्रशांत भूषण के कुछ ज़रूरी सवाल

बिड़ला-सहारा डायरी केस और कालिखो पुल सुसाइड मामले में न्यायपालिका पर सवाल उठाता वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण के लेख का आॅडियो.

इससे पहले कि बिड़ला-सहारा डायरी केस हमेशा के लिए दफ़न हो जाए, ये सवाल पूछे जाने बेहद ज़रूरी हैं

वह समय आ चुका है जब सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों को गंभीरता से विचार-विमर्श करके इन दस्तावेजों की विस्तृत जांच के लिए कोई रास्ता निकालने के बारे में सोचना चाहिए.

मा​नसिक प्रताड़ना के लिए जस्टिस कर्णन ने चीफ जस्टिस से मांगे 14 करोड़

कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस सीएस कर्णन ने भारत के चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर 14 करोड़ रुपये बतौर मुआवज़ा देने की मांग की है. उन्होंने यह रकम मानसिक रूप से प्रताड़ित और अपमान सहने के लिए मांगी है.

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