जन्मदिन विशेष: हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायन की कोई चर्चा किशोरी अमोणकर के बगैर अधूरी रहती है. संगीत उनके लिए महज़ पारंगत होने का माध्यम नहीं बल्कि साधना का विषय था.
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90 वर्षीय गायिका संध्या मुखर्जी को 60 और 70 के दशक की सबसे मधुर आवाज़ों में से एक माना जाता है. अपने करिअर में एसडी बर्मन, मदन मोहन, नौशाद, अनिल विश्वास और सलील चौधरी जैसे लोकप्रिय संगीत निर्देशकों के साथ काम करने के अलावा मुखर्जी ने बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. बीते महीने उन्होंने पद्म सम्मान लेने से इनकार कर दिया था.
स्मृति शेष: पंडित राजन मिश्र का असमय चले जाना सभी संगीत-प्रेमियों के लिए भारी आघात है. ख़ासकर, उनके अज़ीज़ों के लिए, जिन्होंने एक अद्भुत गायक के साथ-साथ एक अद्भुत इंसान भी खो दिया.
बीते रविवार को बनारस घराने के प्रख्यात हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायक पंडित राजन मिश्र का दिल्ली के एक अस्पताल में कोविड-19 समस्याओं के चलते निधन हो गया. उनके लिए वेंटिलेटर उपलब्ध कराने के लिए काफ़ी प्रयास किए गए थे, लेकिन कहीं से कोई मदद नहीं मिल सकी.
अमोनकर में एक खास कैफ़ियत थी, जिसे समझाया नहीं जा सकता. इसे हम करिश्मा कहते हैं. आप इसे महसूस तो कर सकते हैं, लेकिन इसे समझ या समझा नहीं सकते.