वीडियो: किसान आंदोलन से जुड़ा टूलकिट मामला अब बड़ा राजनीतिक मसला बन चुका है. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि को बेंगलुरु से गिरफ़्तार किया है. इस पूरे मसले पर पुलिस और सरकार ने किस तरह से काम किया, बता रही हैं द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.
दूसरे देश होंगे जहां ग्रेटा सितारा है, हम अपनी ग्रेटा- दिशा रवि को जेल में रखते हैं. वह कोई और ज़माना होगा और कोई और देश, जहां स्वार्थ से ऊपर उठकर प्रकृति की चिंता करने वाले की अभ्यर्थना होती है. यहां उसे कारागार मिलता है.
दिल्ली पुलिस ने दिशा रवि को अंतरराष्ट्रीय जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग द्वारा ट्वीट किए किसान आंदोलन संबंधी डॉक्यूमेंट से जुड़ी कथित साज़िश के आरोप में गिरफ़्तार किया है. इस बीच देश से लेकर विदेश तक नेताओं, पर्यावरण कार्यकर्ताओं और वकीलों ने दिशा की हिरासत को मनमाना बताते हुए इसकी निंदा की है.
किसानों के प्रदर्शन से जुड़ी टूलकिट के मामले में मुंबई की वकील निकिता जैकब और एक अन्य व्यक्ति शांतनु के ख़िलाफ़ ग़ैर-ज़मानती वारंट जारी किया गया है. जैकब ने इसे लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया है और अग्रिम ज़मानत की मांग की है.
दिल्ली पुलिस का कहना है कि पर्यावरण के लिए काम करने वाली युवा कार्यकर्ता दिशा रवि ने किसान आंदोलन से जुड़े उस डॉक्यूमेंट को शेयर किया है, जिसे अंतरराष्ट्रीय जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने ट्वीट किया था. टूलकिट मामले में यह पहली गिरफ़्तारी है.
जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ता लिसिप्रिया कंगुजम ने कहा कि अगर सरकार मेरी आवाज़ नहीं सुन सकती तो आप मुझे इसमें शामिल नहीं करें. मुझे अन्य प्रेणादायक महिलाओं के साथ शामिल करने के लिए शुक्रिया लेकिन मैंने इस सम्मान को अस्वीकार करने का फैसला किया है.
ग्रेटा थनबर्ग ने कहा, जलवायु अभियान को और पुरस्कारों की आवश्यकता नहीं है. जरूरत इस बात की है कि सत्ता में बैठे लोग वर्तमान में उपलब्ध सर्वश्रेष्ठ विज्ञान का अनुसरण करना शुरू कर दें.
पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने कहा कि हम सामूहिक विनाश की कगार पर हैं जबकि आप पैसों और आर्थिक विकास की काल्पनिक कथाओं के बारे में बातें कर रहे हैं. आपकी ऐसा करने की हिम्मत कैसे हुई?