कोयले का इस्तेमाल ख़त्म करने की कवायद से हाशिये के समुदाय गंभीर चुनौतियों से घिरे: रिपोर्ट

नेशनल फाउंडेशन फॉर इंडिया के अध्ययन में कोयला खनन क्षेत्र में कार्यरत लोगों में स्वास्थ्य चिंताएं, आर्थिक और जाति आधारित ग़ैर-बराबरी जैसे गंभीर पहलू सामने आए हैं.

कोयला-निर्भर समुदायों को नौकरी से ज़्यादा ज़मीन की चिंता क्यों है?

वैश्विक स्तर पर ऊर्जा के स्रोतों में बदलाव लाने की प्रक्रिया को न्यायसंगत परिवर्तन यानी ‘जस्ट ट्रांज़िशन’ का नाम दिया गया है. हालांकि, देश के दो राज्यों- छत्तीसगढ़ और झारखंड के कुछ कोयला-निर्भर गांवों के लोगों की दशा यह दिखाती है कि ऐसे सभी परिवर्तन न्यायसंगत नहीं हो सकते.