पिछले साल जून में झारखंड के लातेहार ज़िले में सुरक्षाबलों की गोली से एक आदिवासी व्यक्ति की मौत हो गई थी. सुरक्षाबलों ने दावा किया था कि मृतक और उनके साथियों की ओर से हमला करने पर जवाबी कार्रवाई में व्यक्ति की मौत हुई, जबकि ग्रामीणों का दावा था कि सुरक्षाकर्मियों ने शिकार करने गए लोगोंं पर देखते ही फायरिंग शुरू कर दी थी.
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने हाल ही में कई पत्रकारों पर हमले की धमकियों और सोशल मीडिया पर उनके लिए अपशब्दों के इस्तेमाल की पुरजोर निंदा की है.