प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2020 में केंद्र सरकार की नौकरियों के लिए युवाओं से एक सामान्य पात्रता परीक्षा आयोजित कराने और नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी बनाने का वादा किया था. चार साल बाद भी युवा इसका इंतज़ार ही कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट आयोजित करने के लिए राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के गठन के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी गई. अभी इसके दायरे में रेलवे भर्ती, बैंकों की भर्ती और एसएससी आएंगे और परीक्षा में हासिल स्कोर तीन साल तक मान्य होगा.