शोभा यात्रा और धार्मिक जुलूस बिना विधिवत अनुमति के न निकाले जाएं: योगी आदित्यनाथ

बीते दिनों दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हनुमान जयंती की शोभायात्रा के दौरान हुई हिंसा और हाल ही में मध्य प्रदेश, झारखंड, गुजरात और पश्चिम बंगाल में रामनवमी के जुलूस के दौरान हिंसा की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए योगी आदित्यनाथ ने राज्य में किसी भी तरह का तनाव रोकने और सुदृढ़ क़ानून-व्यवस्था के इरादे से इस व्यवस्था को लागू करने पर ज़ोर दिया है.

वाराणसी: घाटों पर सांप्रदायिक पोस्टर लगाने वाले पांच लोगों पर मामला दर्ज, कोई गिरफ़्तारी नहीं

बीते हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के पंचगंगा, दशाश्वमेध, अस्सी और मणिकर्णिका समेत कई घाटों पर विहिप व बजरंग दल द्वारा लगाए पोस्टरों पर ग़ैर-हिंदुओं को गंगा घाटों से दूर रहने की चेतावनी दी गई थी. विहिप का दावा है कि उसने पोस्टर लगाने वाले दो सदस्यों को संगठन से निकाल दिया है.

भाजपा ने दिवाली को नफ़रत के त्योहार में बदल दिया है

फैब इंडिया के एक हालिया विज्ञापन पर आपत्ति के बाद कंपनी का उसे हटाने का फ़ैसला उसी बीमारी को उजागर करता है, जिसका भारत को डटकर सामना करने की ज़रूरत है.

फैब इंडिया का विज्ञापन वापस लेना देश के उद्योग जगत की प्राथमिकताएं दिखाता है

मिश्रित संस्कृति, भाषा की यात्रा आदि की शिक्षा का अब कोई लाभ नहीं है. उर्दू या मुसलमानों के ख़िलाफ़ प्रचार किसी अज्ञानवश नहीं किया जा रहा. यह उनके रोज़ाना अपमान का ही एक हिस्सा है. टाटा के बाद फैब इंडिया ने भी इसी अपमान को शह दी है.

नॉर्थ ईस्ट डायरी: हिमंता बिस्वा सरकार के सौ दिन और ‘नए असम’ का वादा

वीडियो: इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में असम में हिमंता बिस्वा शर्मा की अगुवाई वाली भाजपा सरकार के सौ दिनों और केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू के अरुणाचल प्रदेश से चकमा और हाजोंग समुदाय को हटाने संबंधी बयान पर द वायर की नेशनल अफेयर्स एडिटर संगीता बरुआ पिशारोती से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.

मुज़फ़्फ़रनगर महापंचायत ने सांप्रदायिकता पर वो चोट की है, जिसकी देश को सख़्त ज़रूरत थी

किसान आंदोलन के अराजनीतिक होने को उसकी अतिरिक्त शक्ति के रूप में देखें, तो कह सकते हैं कि हिंदू-मुस्लिम सद्भाव की यह मुहिम राजनीतिक हानि-लाभ से जुड़ी न होने के कारण अधिक विश्वसनीय है और ज़्यादा उम्मीदें जगाती है.

दिवाली पर पटाखे न जलाने की सलाह पर तनिष्क़ के एक और विज्ञापन को लेकर फ़िर विवाद

दिवाली को लेकर बनाए गए तनिष्क़ के इस विज्ञापन में पटाखे न जलाने की बात कहीं गई थी, जिस पर सोशल मीडिया पर एक धड़े की भावनाएं आहत हो गईं. इन लोगों ने हिंदुओं के त्योहारों को कैसे मनाया जाए इस पर ज्ञान न देने की सलाह दी. विवाद के बाद कंपनी के ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पेज से इसे हटा लिया गया है.

मंदिर में नमाज़: क्या पवित्रता की साझेदारी संभव नहीं है

यह वही मुल्क़ है जहां ताजिये पीपल की डाल से न टकराए, इसका ख़ास ध्यान रखा जाता है, हिंदू मांएं भी ताजिये का इंतज़ार करती हैं कि उसके नीचे से बच्चे को गुजारकर आशीर्वाद ले सकें. हज़रत निज़ामुद्दीन दरगाह में चादर चढ़ाते हिंदुओं को क्या अलग कर सकते हैं? लेकिन अब साझा पवित्रता का विचार अपराध है.

तनिष्क के बहाने बशीर चूड़ीवाले की याद…

जहां टाटा हिंदू बहू और मुस्लिम सास के प्रेम का सामना करने से डर गया, वहीं बशीर चूड़ीवाले अपने शहर की हिंदू बहू-बेटियों के प्रति अपने स्नेह के लिए आज भी आम लोगों की स्मृति में ज़िंदा हैं.

यह धर्मांधता को पहचानने का वक़्त है

तनिष्क का विज्ञापन इस बात का संकेत है कि सहिष्णुता और धर्मनिरपेक्षता की भारतीय भावना जीवित है. यह समय अपने खोल में छिपने और सिर झुकाकर चलने की जगह भारत के असली मूल्यों को दिखाने वाले विज्ञापन और फिल्में बनाने और धर्मांधों को यह दिखाने का है कि नफ़रत का उनका प्रोपगेंडा कामयाब नहीं होगा.

टाटा का नया भारत

तनिष्क के आभूषण उस विज्ञापन के बावजूद बिकते रहेंगे. टाटा को इसका अंदाज़ा है कि उनके ख़रीददारों में बहुसंख्या उनकी है जो उनकी दुकानों पर हमला करने नहीं आएंगे, लेकिन इससे भी ज़्यादा उन्हें ये मालूम है कि उनके ग्राहकों का मौन समर्थन हुल्लड़बाज़ों को है. उनके दिल-दिमाग का लफंगीकरण हो चुका है.

तनिष्क़ का विज्ञापन और लव-जिहाद का झूठ

वीडियो: अंतर धार्मिक विवाह पर आधारित एक विज्ञापन को लेकर सोशल मीडिया पर ट्रोल होने के बाद ज्वेलरी ब्रांड तनिष्क़ ने इसे वापस ले लिया है. इस मुद्दे पर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.

सोशल मीडिया पर विवाद के बाद तनिष्क़ ने अंतर धार्मिक विवाह आधारित आभूषण का विज्ञापन हटाया

तनिष्क़ के एकत्वम श्रेणी के ज्वेलरी के विज्ञापन में दिखाया गया था कि एक मुस्लिम परिवार अपनी हिंदू बहू के लिए पारंपरिक हिंदू गोदभराई की रस्म की तैयारियां कर रहा है. विज्ञापन आने के बाद ट्विटर पर कुछ लोग इसे लव जिहाद बताते हुए #BoycottTanishq ट्रेंड कराने लगे, जिसके बाद तनिष्क़ ने इस विज्ञापन का हटा लिया है.

द वायर बुलेटिन: उत्तर प्रदेश में होलिका दहन की रात मुस्लिम बुजुर्ग की पीट-पीटकर हत्या

पिछले छह साल में रोजगार की तलाश करने वाली ग्रामीण महिलाओं की संख्या में आई 2.8 करोड़ की गिरावट समेत आज की बड़ी ख़बरें. दिनभर की महत्वपूर्ण ख़बरों का अपडेट.

आज रंग है ऐ मां रंग है, मेरे महबूब के घर रंग है री…

सूफ़िया-ए-किराम हों या पीर-फ़क़ीर, दरवेश हों या साधू-संत सब अपने-अपने पीर-ओ-मुर्शिद और ख़ुदा से रिश्ता क़ायम करने के लिए इश्क़ पर ज़ोर देते हैं. इश्क़ के अनेक रंगों में एक रंग होली का है.