मीडिया बोल: दिल्ली की हिंसा, गोली मारो के नारे और मीडिया

वीडियो: 23 फरवरी से दिल्ली में भड़की सांप्रदायिक हिंसा की आग में अब तक 48 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है और 300 से अधिक लोग घायल हैं. मीडिया बोल की इस कड़ी में उर्मिलेश इस बारे में द वायर के डिप्टी एडिटर अजय आशीर्वाद, सामाजिक कार्यकर्ता शबनम हाशमी और जनचौक वेबसाइट के संवाददाता सुशील मानव से चर्चा कर रहे हैं.

दिल्ली की सांप्रदायिक हिंसा के लिए नरेंद्र मोदी की राजनीति ज़िम्मेदार है

दिल्ली की हिंसा का कोई ‘हिंदू’ या ‘मुस्लिम’ पक्ष नहीं है, बल्कि यह लोगों को सांप्रदायिक आधार पर बांटने की एक घृणित सियासी चाल है. 2002 के दंगों ने भाजपा को गुजरात में अजेय बना दिया. गुजरात मॉडल के इस बेहद अहम पहलू को अब दिल्ली में उतारने की कोशिश ज़ोर-शोर से शुरू हो गई है.

मैं कमिश्नर होता तो कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर को गिरफ़्तार कर चुका होता: दिल्ली के पूर्व कमिश्नर

बीएसएफ के महानिदेशक और दिल्ली के कमिश्नर रह चुके अजय राज शर्मा ने वरिष्ठ पत्रकार करन थापर से बात करते हुए दिल्ली में हुई हालिया हिंसा के दौरान पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए और कहा कि वह दंगों को संभालने में नाकाम रही.

फिल्म इंडस्ट्री हमेशा सत्ताधारियों के साथ रही है: नसीरुद्दीन शाह

साक्षात्कार: बीते दिनों द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ भाटिया के साथ बातचीत में फिल्म अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने सीएए-एनआरसी-एनपीआर के विरोध में चल रहे विरोधी प्रदर्शनों, सांप्रदायिकता के उभार और अहम मसलों पर फिल्म उद्योग के बड़े नामों की चुप्पी समेत कई विषयों पर बात की.

गांधी का स्‍वतंत्रता संघर्ष ‘नाटक’ था, ऐसे लोग हमारे देश में महात्मा बन गए: भाजपा सांसद

आपत्तिजनक बयानों को लेकर हमेशा विवादों में रहने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद अनंत कुमार हेगड़े ने बेंगलुरु में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि इतिहास पढ़ने पर मेरा खून खौलता है.

सांप्रदायिक दंगों में बिहार अव्वल क्यों है?

एक साल की देरी से जारी किए गए एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2017 में देश में दंगों की कुल 58,729 वारदातें दर्ज की गईं. इनमें से 11,698 दंगे बिहार में हुए. वर्ष 2017 में ही देश में कुल 723 सांप्रदायिक/धार्मिक दंगे हुए. इनमें से अकेले बिहार में 163 वारदातें हुईं, जो किसी भी सूबे से ज़्यादा है.

क़ुरान बांटने के आदेश पर चर्चा में आई छात्रा झारखंड पुलिस के ख़िलाफ़ हाईकोर्ट पहुंची

रांची की एक छात्रा ऋचा भारती को सोशल मीडिया पर धार्मिक भावनाओं काे ठेस पहुंचाने वाले पोस्ट करने के आरोप में बीते 12 जुलाई को गिरफ़्तार किया गया था. स्थानीय अदालत ने उन्हें पांच क़ुरान बांटने की शर्त पर ज़मानत दी थी. बाद में अदालत ने क़ुरान बांटने का आदेश वापस ले लिया था.

2024 से पहले सभी घुसपैठियों को चुन-चुन के देश से बाहर निकाल देंगे: अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हरियाणा के कैथल में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि सत्तर वर्षों से घुसपैठियों ने देश की सुरक्षा को चुनौती दी है. एनआरसी के जरिए भाजपा सरकार सभी घुसपैठियों को बाहर निकालने के लिए प्रतिबद्ध है.

अमित शाह की एनआरसी योजना का मक़सद सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करना है

भाजपा मतदाताओं का ध्यान वास्तविक मुद्दों से भटकाने के लिए बेताब है. ऐसे में एनआरसी का इस्तेमाल भारत का ध्रुवीकरण करने के लिए इस तरह से किया जा सकता है, जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते हैं.

गांधी के देश में अमित शाह की सांप्रदायिकता

वीडियो: हाल ही में गृह मंत्री अमित शाह ने कोलकाता की एक रैली में कहा कि हिंदू, बौद्ध, सिख, जैन को देश छोड़कर नहीं जाना होगा. उनके इस बयान पर चर्चा कर रही हैं द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.

असहिष्णुता और हिंसा की घटनाओं से राजनीतिक व्यवस्था को नुकसान पहुंच सकता है: मनमोहन सिंह

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 75वीं जयंती के मौके पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में असिहष्णुता, सांप्रदायिक ध्रुवीकरण, कुछ समूहों द्वारा पैदा की गई घृणा तथा भीड़ द्वारा कानून अपने हाथ में लेने से जुड़ी हिंसा की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं.

हिंदी साहित्य ने विभाजन को कैसे देखा

जहां हिंदी लेखकों ने विभाजन पर बार-बार लिखा, हिंदी कवि इस पर तटस्थ बने रहे. कइयों ने आज़ादी मिलने के जश्न की कविताएं तो लिखीं, लेकिन देश बंटने के पीड़ादायी अनुभव पर उनकी चुप्पी बनी रही.

आज़ादी या बंटवारा?

आज़ादी के 72 साल: विभाजन का भय धीरे-धीरे आज़ादी के विचार को विस्थापित करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है. ये हालात अपने भीतर काफी बड़े ख़तरे की आहट थामे हुए हैं.

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