अमित शाह से मुलाकात के बाद लद्दाख के नेताओं ने कहा- राज्य के दर्जे के लिए बातचीत विफल रही

केंद्र शासित प्रदेश के छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल की 4 मार्च को दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद पूर्व भाजपा सांसद थुपस्तान छेवांग ने कहा कि गृह मंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि छठी अनुसूची के तहत न तो राज्य का दर्जा दिया जा सकता है और न ही गारंटी दी जा सकती है.

पूर्ण राज्य, विशेष दर्जा देने की बात नहीं हुई तो गृह मंत्रालय की बैठक में शामिल नहीं होंगे: लद्दाख के नेता

उच्चाधिकार प्राप्त समिति (एचपीसी) की बैठक से पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय के समिति से मिलने वाले लद्दाख के नेताओं ने कहा है कि अगर एजेंडा में राज्य का दर्जा और विशेष दर्जे पर बातचीत शामिल नहीं हुई तो वे आगामी बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे.

लद्दाख को छठी अनुसूची में लाने की मांग को लेकर फिर उपवास करेंगे सोनम वांगचुक

शिक्षा सुधारक सोनम वांगचुक ने कहा है कि उपवास का कारण यह है कि केंद्र सरकार ने संविधान की छठी अनुसूची में लद्दाख को लाने की मांग पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है. 2019 में लद्दाख के जम्मू कश्मीर से अलग होने के बाद से यह मांग लगातार उठती रही है. सोनम इसे लेकर जनवरी में भी उपवास पर रहे थे.

लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और संवैधानिक सुरक्षा की मांग को लेकर प्रदर्शनकारी दिल्ली पहुंचे

साल 2019 में भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को समाप्त करने और और तत्कालीन जम्मू कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में पुनर्गठित करने के बाद लद्दाख क्षेत्र के लोग भारत के अन्य आदिवासी क्षेत्रों को संविधान की छठी अनुसूची के तहत प्रदान किए गए संवैधानिक सुरक्षा उपायों की मांग कर रहे हैं, जिससे उनकी जनसांख्यिकी, नौकरी और भूमि की रक्षा हो.

केंद्र युवाओं को अलग-थलग कर लद्दाख में उग्रवाद के बीज बो रहा है: सोनम वांगचुक

लद्दाख के शिक्षा सुधारक और जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने क्षेत्र में छठी अनुसूची की मांग को दोहराते हुए कहा कि डर यह नहीं है कि लोग भारत के ख़िलाफ़ हो जाएंगे, डर यह है कि भारत के लिए प्यार कम हो जाएगा और ऐसा होना उस देश के लिए ख़तरनाक है जो चीन का सामना कर रहा है. 

लद्दाख: सोनम वांगचुक का उपवास जारी, विरोध ख़त्म करने के लिए प्रशासन ने बॉन्ड साइन करने को कहा

लद्दाख में संविधान की छठी अनुसूची लागू करने और पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग के समर्थन में इंजीनियर एवं नवप्रवर्तक सोनम वांगचुक पांच दिन का ‘क्लाइमेट फास्ट’ कर रहे हैं. विरोध को ख़त्म करने की कोशिश में प्रशासन ने उनसे एक बॉन्ड पर साइन करने के लिए कहा है, जिसमें कहा गया है कि वह कोई बयान नहीं देंगे या एक महीने तक लेह में किसी सार्वजनिक सभा में भाग नहीं लेंगे.