कर्मचारी यूनियन का दावा, 20,000 और ठेका श्रमिकों को निकालने की तैयारी कर रही बीएसएनएल

बीएसएनएल कर्मचारी यूनियन ने दावा किया कि स्वैच्छिक वीआरएस योजना लागू होने के बाद भी कंपनी अपने कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं दे पा रही है. पिछले 14 माह से भुगतान नहीं होने की वजह से 13 ठेका श्रमिक आत्महत्या कर चुके हैं. इस बारे में बीएसएनएल को भेजे गए सवालों का जवाब नहीं मिल पाया.

आईआरसीटीसी ने अनुबंध पर काम करने वाले 500 से अधिक कर्मचारियों को नौकरी से निकाला

आईआरसीटीसी के चेयरमैन एमपी मल्ल ने कहा कि मार्च से ही ट्रेनों का संचालन बंद हैं. हमने अनुबंधित कर्मचारियों की सेवाएं अचानक से समाप्त नहीं की है. हमने ऐसे समय में यह फैसला लिया है, जब इंडस्ट्री धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही है, ताकि इन्हें कहीं और रोज़गार ढूंढने में दिक्कत न हो.

केरल: वेतन न मिलने से परेशान बीएसएनएल कर्मचारी ने आत्महत्या की

मामला मल्लापुरम ज़िले के निलाम्बुर का है, जहां बीएसएनएल के एक अनुबंधित कर्मचारी ने अपने दफ्तर में फांसी लगा ली. श्रमिक संघ ने बताया कि अनुबंधित कर्मचारियों को पिछले 10 महीनों से वेतन नहीं मिला है और बीते 130 दिन से वे बकाया वेतन की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.

रेल मंत्री अगर ठीक से काम करते, तो ट्विटर पर दिन भर अपना प्रचार नहीं करना पड़ता

कैग ने 2014-15 से लेकर 2016-17 के बीच दिए गए 463 कांट्रैक्ट में काम करने वाले ठेके के मज़दूरों के हालात की समीक्षा की है. रिपोर्ट देखेंगे तो पता चलेगा कि रेलवे बग़ैर किसी मंत्री के चल रहा है. राम भरोसे कहना ठीक नहीं क्योंकि राम भरोसे तो सारा देश चलता है.