उत्तर प्रदेश: सफ़र की तकलीफों के बाद क्वारंटाइन सेंटर की बदहाल व्यवस्थाओं से बेहाल मज़दूर

देश के विभिन्न शहरों से तमाम परेशानियों के बाद अपने गांव पहुंचे मज़दूरों को गांव के स्कूलों में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटरों में रखा गया है. अधिकांश स्कूलों में बिजली, पानी, शौचालय आदि से जुड़ी अव्यवस्थाओं के चलते मज़दूरों का यह 'एकांतवास' नए संघर्ष में बदल गया है.

कोरोना लॉकडाउन: राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मंत्रियों और सांसदों के वेतन में 30 फीसदी की कटौती

केंद्र सरकार ने कोरोना महामारी के मद्देनजर सांसद निधि को दो साल के लिए निलंबित करने का फैसला किया है. सांसद निधि को निलंबित किए जाने पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस ने कहा कि इससे नई दिल्ली की प्राथमिकताओं को ध्यान में रखा जाएगा, न कि 543 सांसदों के स्थानीय मुद्दों को.

कोरोना: मोदी सरकार के पास न रणनीति है, न ही मानवता

बीते छह सालों में मोदी सरकार के कई फ़ैसले दिखाते हैं कि उसे जनता में डर और दहशत पैदा करने का विचार पसंद है. नोटबंदी में लंबी लाइनों में लगकर पुराने नोटों को बदलना हो, नागरिकता साबित करने के लिए कागज़ जुटाना या अचानक हुए लॉकडाउन में अनहोनी के डर पलायन, सरकार के फ़ैसलों की मार समाज के आर्थिक रूप से कमज़ोर तबके पर ही पड़ी है.

गुजरात: लॉकडाउन में वडोदरा के राहत शिविर में मज़दूर भूखे पेट सोने को मजबूर

गुजरात में वडोदरा नगर निगम की एक निर्माणाधीन भवन को राहत शिविर में बदलकर यहां पर 316 लोगों को रखा गया है. ये शहर का पहला राहत शिविर है जिसमें लॉकडाउन के बाद उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और राजस्थान जाने वाले प्रवासी मज़दूरों को रखा गया ​है.

महाराष्ट्र: लॉकडाउन के बीच भाजपा विधायक के जन्मदिन पर 200 लोग इकट्ठा हुए

मामला वर्धा ज़िले का है, जहां भाजपा विधायक दादाराव केचे के जन्मदिन पर क़रीब दो सौ लोग उनके घर के बाहर जमा हुए थे और उन्होंने कुछ लोगों को अनाज भी बांटा था. लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन के चलते उन पर विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज करने का नोटिस जारी किया गया है.

हिमाचल प्रदेश: कोरोना संदिग्ध ने की खुदकुशी, रिपोर्ट निगेटिव आने पर भी गांव वाले ताना मारते थे

मोहम्मद दिलशाद नामक एक व्यक्ति हाल में दिल्ली के निजामुद्दीन से लौटे तबलीगी जमात के एक सदस्य के संपर्क में आए थे. इसकी जानकारी मिलते ही उन्हें पृथकवास में रखा गया और उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी.

कोरोना संकट: एयर डेक्कन ने अपना परिचालन बंद किया, कर्मचारियों को बिना वेतन छुट्टी पर भेजा

कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिए सरकार ने देश में 21 दिन का लॉकडाउन लगा रखा है. इस राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन से विमानन क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ है. एयर डेक्कन पहली विमानन कंपनी बन गई है जो इस दबाव को नहीं झेल पाई है.

आजादी के बाद सबसे बड़े आर्थिक आपातकाल के दौर में देश: रघुराम राजन

आरबीआई के पूर्व गवर्नर एवं अर्थशास्त्री रघुराम राजन ने कोरोना वायरस के कारण पैदा हुई चुनौतियों पर कहा कि सरकार राजनीतिक विभाजन की रेखा को लांघ कर विपक्ष से भी मदद ले सकती है, जिसके पास पिछले वैश्विक वित्तीय संकट से देश को निकालने का अनुभव है.

प्रधानमंत्री जी, जनता को संकट की इस घड़ी में भरोसा दें, भरम नहीं

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोना महामारी से फैले अंधकार के बीच हमें निरंतर प्रकाश की ओर जाना है. जो इस कोरोना संकट से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं, हमारे ग़रीब भाई-बहन, उन्हें निराशा से आशा की तरफ ले जाना है. काश, वे यह समझते कि ये ग़रीब इस तरह निराश नहीं हुआ करते, वे तभी हारते हैं जब ढोंग और ढकोसलों में भरमा दिए जाते हैं.

कोरोना वायरस: गंगा नदी के पानी की गुणवत्ता में आया सुधार

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वास्तविक समय के निगरानी आंकड़ों के अनुसार, गंगा नदी के विभिन्न बिंदुओं पर स्थित 36 निगरानी इकाइयों में करीब 27 बिंदुओं पर पानी की गुणवत्ता नहाने, वन्यजीव तथा मत्स्य पालन के अनुकूल पाई गई.

लॉकडाउन: जब प्रवासी मज़दूरों के लिए उनके ही राज्य के दरवाज़े बंद कर दिए गए

राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के चलते दिल्ली, हरियाणा जैसे कई राज्यों से जैसे-तैसे उत्तर प्रदेश तक पहुंचे बिहार के मज़दूरों को राज्य की सीमा पर रोक दिया गया था. आरोप है कि बिहार सरकार ने मज़दूरों के लिए जो दावे और वादे किए थे, वैसा कोई इंतज़ाम नहीं था. न प्रशासन की ओर से उनके खाने-पीने की व्यवस्था थी, न ही उनकी स्क्रीनिंग की.

यूपी पुलिस द्वारा ‘द वायर’ के ख़िलाफ़ की गई एफआईआर प्रेस की आज़ादी पर हमला है

द वायर के संस्थापक संपादकों ने बुधवार को एक बयान जारी कर कहा कि यूपी पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर जायज़ अभिव्यक्ति और तथ्यात्मक जानकारी पर हमला करने की कोशिश है.

मज़दूरों का सामूहिक पलायन व्यवस्था और समाज के बारे में क्या बताता है

प्रवासी मज़दूरों का सामूहिक पलायन भुखमरी के तात्कालिक भय से कहीं ज़्यादा, ग़रीब हिंदुस्तानियों के सामूहिक अवचेतन में सदियों से बैठी इस धारणा का प्रमाण है कि उन्हें सत्ता, उसकी व्यवस्था और समाज के संपन्न वर्ग से कभी कोई आशा नहीं करनी चाहिए और यह कि 'अंत में ग़रीब की कोई नहीं सुनेगा.'

लॉकडाउन: भारत-नेपाल सीमा पर 22 घंटे नो मैंस लैंड में फंसे रहे 326 नेपाली नागरिक

लाॅकडाउन के कारण जगह-जगह फंसे प्रवासी मज़दूरों के लिए सरकार द्वारा बसें चलाने के बाद नोएडा, फरीदाबाद, गुड़गांव आदि जगहों पर काम करने वाले नेपाली कामगार भी अपने देश के लिए रवाना हुए. ये सोनौली तक तो पहुंच गए लेकिन दोनों ओर की सीमाएं बंद होने के चलते 326 नेपाली नागरिक भारत की तरफ फंसे हैं.

लॉकडाउन: भूख से हुई बच्चे की मौत, मां ने कहा- कर्फ्यू के बाद नहीं बना खाना

घटना बिहार के भोजपुर ज़िले के आरा की है. मुसहर समुदाय से आने वाले आठ वर्षीय राकेश की मौत 26 मार्च को हो गई थी. उनकी मां का कहना है कि लॉकडाउन के चलते उनके पति का मजदूरी का काम बंद था, जिसके चलते 24 मार्च के बाद उनके घर खाना नहीं बना था.