कोरोना वायरस: निर्मला सीतारमण के राहत पैकेज में किसानों के हाथ कुछ नहीं आया

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मनरेगा मज़दूरों की रोज़ाना मज़दूरी में 20 रुपये की बढ़ोतरी कर इसे 182 से बढ़ाकर औसतन 202 रुपये करने की मांग की. लेकिन 23 मार्च को ग्राणीण विकास मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के मुताबिक अधिकतर राज्यों की मज़दूरी पहले ही 202 रुपये से काफी ज़्यादा कर दी गई है.

कोरोना: बिहार में 83 डॉक्टरों ने संक्रमण के डर से सेल्फ क्वारंटाइन की मांग की

पटना के नालंदा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के जूनियर डॉक्टरों ने एक पत्र में कहा है कि सभी तरह के आवश्यक मेडिकल किट और मास्क के बिना हम ड्यूटी पर हैं. हमारे कई डॉक्टरों में वायरस के लक्षण है, लेकिन यहां कोई सुन ही नहीं रहा है.

कोरोना: मोदी सरकार के 1.75 लाख करोड़ के राहत पैकेज का सच वही है जो दिखाया जा रहा है?

25 मार्च को केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने बताया कि खाद्य सुरक्षा कानून के तहत अब पीडीएस धारकों को 2 किलो अतिरिक्त अनाज मिलेगा, जिससे देश के 81 करोड़ लाभार्थी अगले तीन महीने तक लाभांवित होंगे. 26 मार्च के वित्त मंत्री के ऐलान में लाभार्थियों की संख्या 80 करोड़ है. एक करोड़ का हिसाब क्या सरकार के बोलने-लिखने में गायब हो गया?

कोरोना: रिज़र्व बैंक ने रेपो दर 0.75 फीसदी घटाई, लोन की किस्त भरने में तीन महीने की मोहलत

इसके अलावा रिवर्स रेपो दर को में 90 बेसिक प्वाइंट यानी कि 0.90 फीसदी की कटौती करते हुए इसे घटाकर चार फीसदी कर दिया गया है. पहले ये 4.90 फीसदी पर थी.

33 साल बाद दूरदर्शन पर फिर से होगा रामायण का प्रसारण

रामायण का प्रसारण पहली बार दूरदर्शन पर 25 जनवरी 1987 को किया गया था. सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि जनता की मांग पर शनिवार 28 मार्च से रामायण का प्रसारण दूरदर्शन पर फिर से किया जाएगा.

कोरोना: निर्मला सीतारमण ने 1.75 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा घोषित राहत पैकेज में उन योजनाओं की भी राशि शामिल है जो पहले से ही चली आ रही हैं और तय समय पर उन्हें जारी किया जाना था.

कोरोना लॉकडाउन: रामायण और महाभारत का दोबारा प्रसारण कर सकता है दूरदर्शन

प्रसार भारती के मुख्य कार्यकारी अधिकारी शशि शेखर ने बीते 25 मार्च को ट्वीट कर कहा कि उनका विभाग धारावाहिक के निर्माताओं से महाभारत और रामायण का प्रसारण अधिकार मांग रहा है.

कोरोना लॉकडाउन: रियायतों पर नए दिशा-निर्देश जारी, कई सेवाओं को मिली बंद से छूट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश भर में 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा के बाद जारी नए दिशा-निर्देशों में वन कार्यालयों के कर्मचारियों, चिड़ियाघरों, नर्सरी, वन्यजीव और पौधों को पानी देने की सेवा से जुड़े लोगों को छूट दी गई है. साथ ही विधवाओं, बच्चों, दिव्यांगों, वरिष्ठ नागरिकों और निराश्रित महिलाओं के आश्रय गृहों के संचालन से जुड़े कर्मियों को भी इस बंद से छूट मिलेगी.

शाहीन बाग़ की प्रदर्शनकारी महिलाओं को सलाम

वीडियो: कोरोना वायरस के मद्देनज़र दिल्ली पुलिस ने शाहीन बाग़ में नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ 100 दिन से ज्यादा समय तक प्रदर्शन पर बैठीं महिलाओं को मंगलवार को वहां से हटा दिया. इस मुद्दे पर द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.

कोरोना वायरस: झारखंड में लोगों को घर में रहने की सलाह देने पर दुकानदार की पीट-पीटकर हत्या

घटना झारखंड के पलामू ज़िले के चाक उदयपुर की है. पुलिस ने बताया कि विभिन्न शहरों से चार मज़दूर अपने गांव लौटे थे, जिन्हें जांच के बाद 14 दिन तक अपने घर में क्वारंटाइन रहने का निर्देश दिया गया था. लेकिन वे घूमते हुए एक दुकान पर पहुंच गए थे.

बचत खातों में न्यूनतम राशि से छूट, किसी भी एटीएम से पैसा निकालने पर नहीं लगेगा शुल्क

कोरोना वायरस को लेकर वित्त मंत्री ने कहा कि निजी क्षेत्र के बैंक समेत सभी बैंक अगले तीन महीने तक खाते में न्यूनतम राशि रखने और अन्य बैंक के ग्राहकों द्वारा एटीएम से पैसा निकालने पर लगने वाले शुल्क से छूट देंगे.

कोरोना वायरस: लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था को हो सकता है नौ लाख करोड़ रुपये का नुकसान

देश में लॉकडाउन के बाद विश्लेषकों द्वारा तैयार एक रिपोर्ट में कहा कि अनुमान है कि तीन सप्ताह के राष्ट्रव्यापी बंदी से ही 90 अरब डॉलर का नुकसान होगा. नोटबंदी और जीएसटी की दोहरी मार झेलने वाले असंगठित क्षेत्र पर इसका असर सर्वाधिक पड़ेगा.

कोरोना वायरस: लॉकडाउन की वजह से एनपीआर और जनगणना का कार्य अगले आदेश तक स्थगित

एनपीआर अपडेट करने और हाउस लिस्टिंग का काम 1 अप्रैल से शुरू होकर 30 सितंबर तक पूरा होना था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में कोरोना वायरस से निपटने के लिए 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा की है.

सामूहिकता के बिना मूर्खता का जीवित रहना संभव नहीं है

भारत एक सांस्कृतिक इकाई है. बावजूद भिन्न भाषाओं, पहनावों और खानपान के हम सब मूर्खता के एक सूत्र में बंधे हैं. राष्ट्रीय एकता का यह प्रदर्शन और प्रमाण दिल को तसल्ली देता है.