सुशांत-कंगना का सुर्ख़ियों में बने रहना मीडिया की छद्म जनमत निर्माण की बढ़ती ताक़त की बानगी है

मीडिया के पास कुछ हद तक जनमत निर्माण की ताक़त हमेशा से थी, मगर उसकी एक सीमा थी, उनके द्वारा उठाए मुद्दे में कुछ दम होना ज़रूरी होता था. आज हाल यह है कि मीडिया में भारत-चीन सीमा विवाद से ज़्यादा तवज्जो कंगना रनौत विवाद को दी जा रही है.

कोविड-19: केंद्र ने अदालत को बताया, रासायनिक कीटाणुनाशक का छिड़काव मनुष्य के लिए हानिकारक

सुप्रीम कोर्ट में दाख़िल एक जनहित याचिका में कोविड-19 के मद्देनज़र लोगों को कीटाणुमुक्त करने के लिए रासायनिक सुरंगों के इस्तेमाल और इसके उत्पादन रोक लगाने की मांग की गई है. इस पर अदालत ने केंद्र सरकार से पूछा कि जब कीटाणुनाशकों का ​छिड़काव हानिकारक है तो इस पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया गया.

बिहार: 15 साल सरकार में रह चुकी भाजपा के लिए सुशांत सिंह राजपूत की मौत चुनावी मुद्दा क्यों है?

सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले की जांच सीबीआई, ईडी और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो कर रहे हैं और तीनों ही केंद्र सरकार के अधीन हैं. केंद्र और बिहार में एनडीए की ही सरकार है. ऐसे में सवाल है कि ‘जस्टिस फॉर सुशांत सिंह राजपूत’ हैशटैग चलाकर बिहार में भाजपा जस्टिस किससे मांग रही है?

सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करते हुए रेलवे ने श्रमिकों से वसूला करोड़ों रुपये किराया

सुप्रीम कोर्ट ने 28 मई को दिए एक आदेश में कहा था कि ट्रेन या बस से यात्रा करने वाले किसी भी प्रवासी मज़दूर से किराया नहीं लिया जाएगा. आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार शीर्ष अदालत के निर्देशों के बावजूद रेलवे द्वारा श्रमिक ट्रेनों के यात्रियों से किराया लिया गया है.

‘हम अभिनय के छात्र हैं और बिना प्रैक्टिकल किए हमारी पढ़ाई पूरी नहीं हो सकती’

भोपाल में मध्य प्रदेश स्कूल ऑफ ड्रामा के एक वर्षीय अभिनय प्रशिक्षण कोर्स के 2019-20 सत्र के विद्यार्थी बीते दो सप्ताह से अधिक समय से प्रबंधन के ख़िलाफ़ आंदोलनरत हैं. उनका कहना है कि कोरोना के चलते उनके बैच को प्रमोशन देकर नया सत्र शुरू किया जा रहा है जबकि उनका प्रशिक्षण अभी तक पूरा नहीं हुआ है.

क्या कोरोना संक्रमण से बचने के लिए लगाए नियम आम जनता और भाजपा के लिए अलग-अलग हैं

पार्टी बदलने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया के पहली बार ग्वालियर पहुंचने पर भाजपा तीन दिवसीय ‘सदस्यता ग्रहण समारोह’ आयोजित कर रही है, जिसमें ग्वालियर-चंबल अंचल के सभी ज़िलों के हज़ारों कार्यकर्ता शामिल होने वाले हैं. कोरोना संक्रमण के प्रसार के मामले में ग्वालियर प्रदेश में तीसरे स्थान पर है.

भारत बीते 50 सालों की सबसे भयावह मानवीय त्रासदी के दौर में प्रवेश कर चुका है

अब जब देश में सारी व्यवस्थाएं धीरे-धीरे खुलने लगी हैं, तब ऐसा दिखाने की कोशिश हो रही है कि भूख और रोजी-रोटी की समस्या ख़त्म हो गई है. जबकि सच्चाई इसके बिल्कुल विपरीत है.

क्या कोरोना के ख़िलाफ़ सरकार की लड़ाई में भाजपा नेता ही सबसे बड़ी बाधा हैं?

बीते चार महीनों में जहां एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार अपने भाषणों में कोरोना वायरस को लेकर वैज्ञानिक रवैया रखने की बात करते नज़र आए, वहीं उन्हीं की पार्टी के नेता और मंत्री इस महामारी को लेकर सर्वाधिक ऊटपटांग बयान, अवैज्ञानिक और हास्यास्पद तर्क देते रहे हैं.

राम, रफाल और राष्ट्रवाद की अफीम

वीडियो: रफाल विमान की भारत में लैंडिंग हो चुकी है. हर अख़बार और न्यूज़ चैनल पर यही छाया हुआ है, वहीं दूसरी ओर देश में कोरोना और बाढ़ से हालात नाज़ुक बने हुए हैं. इस बारे में द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु, वरिष्ठ रक्षा विशेषज्ञ अजय शुक्ला और द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की चर्चा.

अयोध्या: भूमि पूजन से पहले राम जन्मभूमि से जुड़े पुजारी और चार पुलिसकर्मी कोरोना संक्रमित

राम मंदिर के प्रस्तावित भूमि पूजन से पहले रामलला मंदिर के एक पुजारी व जन्मभूमि स्थल पर तैनात चार पुलिसकर्मी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. मंदिर के मुख्य पुजारी महंत सत्येंद्र दास का कहना है क्योंकि बाकी लोगों का टेस्ट नेगेटिव आया है, इसलिए इससे कार्यक्रम पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

पुणे: कम वेतन और अधिक काम के विरोध में अस्पताल की 200 नर्सों ने किया काम का बहिष्कार

पुणे के जहांगीर हॉस्पिटल की क़रीब 200 नर्सों के विरोध के बाद अस्पताल प्रशासन ने न सिर्फ वेतन बढ़ोतरी की मांग को ख़ारिज कर दिया, बल्कि उनकी जगह नए स्टाफ की नियुक्ति की धमकी भी दी है.

उत्तर प्रदेश में रजिस्ट्रेशन कराए 1.30 लाख से ज़्यादा किसानों से गेहूं की सरकारी ख़रीद नहीं हुई

उत्तर प्रदेश सरकार ने इस बार कुल 55 लाख टन गेहूं ख़रीदने का लक्ष्य रखा था, लेकिन राज्य सरकार इसमें से 35.76 लाख टन ही गेहूं ख़रीद पाई है, जो कि लक्ष्य की तुलना में लगभग 20 लाख टन कम है.

कोविड-19: क्या नीतीश सरकार की लापरवाही का नतीजा बिहार की जनता भुगत रही है

मार्च में जब देश में कोविड संक्रमण की शुरुआत हुई, तब बिहार में बहुत कम मामले सामने आए थे, लेकिन अब आलम यह है कि राज्य में संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनज़र दोबारा लॉकडाउन लगाना पड़ा है और मुख्यमंत्री के परिजनों से लेकर कई ज़िलों के प्रशासनिक अधिकारी तक कोरोना की चपेट में आ चुके हैं.

दिल्लीः एचएएचसी अस्पताल ने 84 नर्सों को बिना नोटिस दिए नौकरी से निकाला

दिल्ली के हकीम अब्दुल हमीद सेंटेनरी अस्पताल ने बिना कारण बताए अस्पताल की 84 नर्सों को नौकरी से हटा दिया है, इनमें एक कोरोना संक्रमित नर्स भी शामिल हैं. इंडियन प्रोफेशनल नर्सेज एसोसिएशन ने अस्पताल को पत्र लिखकर इस फ़ैसले को वापस न लेने पर क़ानूनी कार्रवाई करने की बात कही है.

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