अमेरिकी सरकार के थिंक टैंक फ्रीडम हाउस की रिपोर्ट में कहा गया है कि राजनीतिक अधिकारों और नागरिक स्वतंत्रता में गिरावट 2019 में नरेंद्र मोदी के दोबारा चुने जाने के बाद ही तेज़ हो गई थी और न्यायिक स्वतंत्रता भी दबाव में आ गई थी.
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के पत्र के जवाब में कहा कि धार्मिक आज़ादी से जुड़े मुद्दों के सिलसिले में अमेरिकी आयोग का दल भारत आना चाहता था, लेकिन उन्हें वीज़ा देने से भी मना किया गया क्योंकि उन जैसी विदेशी संस्था का भारतीय नागरिकों के संवैधानिक रूप से संरक्षित अधिकारों पर बोलने का कोई अधिकार-क्षेत्र हमें नज़र नहीं आता.
विश्वभर में में धार्मिक स्वतंत्रता की निगरानी का ज़िम्मा संभाल रहे अमेरिकी आयोग ने भारत को ‘खास चिंता वाले देशों’ की सूची में डालने की सिफ़ारिश करते हुए कहा है कि देश में धार्मिक आज़ादी की दशा में बड़ी गिरावट आई है. भारत ने आयोग की आलोचनाओं को पूर्वाग्रह से ग्रसित और पक्षपातपूर्ण कहा है.