सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस अभय एस. ओका ने एक कार्यक्रम में कहा कि अदालत से संबंधित कार्यक्रमों में पूजा-अर्चना बंद कर दी जानी चाहिए और कार्यक्रमों की शुरुआत से पहले संविधान की प्रस्तावना की एक प्रति के सामने झुककर धर्मनिरपेक्षता को बढ़ावा दिया जाना चाहिए.