कोविड-19 महामारी के दौरान ब्रिटेन के प्रधानमंत्री रहे बोरिस जॉनसन ने स्वीकार किया है कि उनकी सरकार इसके प्रभाव को समझने में धीमी थी. उन्होंने कहा कि वह पीड़ितों और उनके परिवारों की भावनाओं को समझते हैं और उनके दर्द, हानि तथा पीड़ा के लिए उन्हें गहरा खेद है.
दिल्ली हाईकोर्ट एक डॉक्टर की पत्नी की याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिनकी मौत जून 2020 में महामारी की पहली लहर के दौरान कोविड-19 से हुई थी. दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि वर्तमान में सरकार का निर्णय ऐसे मामलों में केवल सरकारी अस्पतालों या उन अन्य अस्पतालों में सेवारत डॉक्टरों और अन्य पैरामेडिकल कर्मचारियों के संबंध में अनुग्रह राशि प्रदान करने का प्रावधान करता है.
कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें यह काम जल्दी करना चाहिए ताकि आगे चलकर उन्हें कृषि कानूनों के मुद्दे की तरह इसको लेकर माफ़ी न मांगनी पड़े. सरकार द्वारा कोविड से मृतकों के परिजनों को सिर्फ़ 50 हज़ार का मुआवज़ा देने पर उन्होंने कहा कि आपके लिए नया संसद भवन बनाने के लिए 20 हजार करोड़ रुपये हैं, पर पीड़ित परिवारों को देने के लिए चार लाख रुपये नहीं
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि गुजरात मॉडल की बहुत चर्चा होती है. हमने जिन परिवारों से बात की है, उनका कहना है कि कोविड के दौरान उन्हें अस्पताल में न तो बेड मिला और न ही ऑक्सीजन और वेंटिलेटर. वहीं गुजरात सरकार ने कहा है कि राज्य में लगभग 10 हज़ार लोगों की संक्रमण से मौत हुई है. सरकार ने गांधी के बयान को लोगों को गुमराह करने तथा राज्य की छवि ख़राब करने का प्रयास बताया.