केंद्र सरकार ने कोविड-19 के कारण हुई मौत पर मृतक के परिजनों द्वारा मुआवज़े का दावा करने के लिए चार हफ़्ते की समयसीमा तय करने का अनुरोध किया था. शीर्ष अदालत ने कहा कि यह समयसीमा उचित नहीं है, क्योंकि अगर कोई मौत होती है तो परिवार को उस दुख से उबरने में वक़्त लगेगा, तब वह दावा जताएगा.
जनवरी की शुरुआत तक राजस्थान, झारखंड, आंध्र प्रदेश में कोविड-19 से हुई अतिरिक्त यानी आधिकारिक आंकड़े से ज़्यादा मौतें, सरकारी संख्या से 12 गुना से अधिक थीं. रिकॉर्ड के बेतरतीब रखरखाव और लालफीताशाही के कारण हज़ारों परिवार मुआवज़े से वंचित हो सकते हैं.