यूपी: योगी आदित्यनाथ ने महापौरों व पार्षदों से कहा- आम लोगों को गाय गोद लेने के लिए प्रेरित करें

स्थानीय शहरी निकायों के प्रतिनिधियों के साथ ऑनलाइन बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार ने आवारा मवेशियों की समस्या कम करने के प्रयास किए हैं लेकिन इसे लेकर समाज को जागरूक करने की ज़रूरत है ताकि परिवार गायों को गोद ले सकें.

कुंभ 2021: क्या नेताओं के लिए ग्रहों की चाल आम ज़िंदगियों से ज़्यादा महत्वपूर्ण है

अमूमन कुंभ मेला हर बारह साल पर लगता है, लेकिन इस बार हरिद्वार में हुआ कुंभ पिछली बार हुए आयोजन के ग्यारह साल बाद हुआ क्योंकि केंद्र और राज्य सरकार के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य का ध्यान रखने से कहीं अधिक ज़रूरी ज्योतिषियों को ख़ुश रखना था.

असम चुनाव में कोविड मामले न होने के स्वास्थ्य मंत्री के दावे उनके विभाग के आंकड़ों के उलट हैं

असम के स्वास्थ्य मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने मंगलवार को दावा किया कि तीन चरण के राज्य विधानसभा चुनाव के अंतिम दिन छह अप्रैल तक राज्य में ‘कोविड-19 के मामले नहीं थे’, लेकिन उनके विभाग के आधिकारिक आंकड़े से पता चलता है कि जनवरी से छह अप्रैल तक 2,624 व्यक्ति संक्रमित पाए गए हैं और उनमें से 66 की मौत हो गई है.

उत्तराखंड: कुंभ में शामिल कोविड संक्रमित संत को नहीं मिला आईसीयू बेड, मौत

हरिद्वार में चल रहे कुंभ में शामिल हुए 70 वर्षीय संत कोरोना संक्रमित होने के बाद शहर के एक कोविड सेंटर में भर्ती थे. हालत बिगड़ने पर उन्हें एम्स ऋषिकेश और दून अस्पताल ले जाया गया, जहां कथित तौर पर आईसीयू बेड की अनुपलब्धता के चलते उन्हें भर्ती करने से मना कर दिया गया. सोमवार को उन्होंने दम तोड़ दिया.

असम में दूसरे राज्यों की कोरोना निगेटिव रिपोर्ट प्रवेश के लिए मान्य नहीं: स्वास्थ्य मंत्री

असम के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा का कहना है कि पिछले आदेश में यात्रियों को अन्य राज्यों से आने पर 72 घंटों के भीतर कोविड-19 जांच की निगेटिव रिपोर्ट दिखाने की मंज़ूरी थी, लेकिन अब उन्हें अनिवार्य रूप से कोरोना टेस्ट कराना होगा.

उत्तराखंड कुंभ में शामिल महामंडलेश्वर का कोविड-19 संक्रमण से निधन, कई अखाड़े आयोजन से बाहर

एक रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड के हरिद्वार शहर में चल रहे कुंभ में शामिल मध्य प्रदेश के निर्वाणी अखाड़े के महामंडलेश्वर कपिल देव दास की कोविड 19 संक्रमण से बीते 13 अप्रैल को मौत हुई है. कुंभ मेले में कोरोना की बिगड़ती रही स्थिति को देखते हुए 13 अखाड़ों में से निरंजनी और तपो निधि श्री आनंद अखाड़े ने इस आयोजन से हटने का ऐलान किया है.

हरिद्वार: शाही स्नान में न थर्मल स्क्रीनिंग, न कोविड नियमों का पालन, कोरोना पॉज़िटिव मिले 102 लोग

हरिद्वार में कुंभ मेले में सोमवार को अमावस्या के अवसर पर हुए दूसरे शाही स्नान में 28 लाख के क़रीब श्रद्धालु पहुंचे. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, रविवार सुबह 11.30 बजे से सोमवार की शाम तक 18,169 श्रद्धालुओं का कोविड टेस्ट किया गया, जिनमें से 102 कोरोना पॉज़िटिव पाए गए.

घाटों पर सामाजिक दूरी का पालन मुश्किल, बन सकते हैं भगदड़ के हालातः हरिद्वार कुंभ मेला अधिकारी

देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच उत्तराखंड के हरिद्वार में कुंभ मेला जारी है. रविवार को हरिद्वार में सर्वाधिक 401 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. इनमें साधु-संतों की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि सहित जूना अखाड़े के करमा गिरि और जूना अखाड़े के नितिन गिरि भी शामिल हैं.

गुजरातः कचरा वाहन में वेंटिलेटर्स अस्पताल पहुंचाने का आरोप, जांच के आदेश

गुजरात के सूरत का मामला. सूरत नगर निगम द्वारा वलसाड सिविल अस्पताल से 20 से अधिक वेंटिलेटर कथित तौर पर कचरा उठाने वाले वाहन से एसएमआईएमईआर अस्पताल ले जाया गया था.

कोरोना ने असमानता की खाई बढ़ाई, अमीरों की संपत्ति में बेतहाशा बढ़ोतरीः ऑक्सफैम रिपोर्ट

गैर सरकारी संगठन ऑक्सफैम की ‘द इनइक्वैलिटी वायरस’ नाम की रिपोर्ट में कहा गया कि बीते एक साल में शिक्षा का स्वरूप ऑनलाइन होने से भारत में डिजिटल विभाजन से असमानता भी बढ़ी है. भारत के 20 फ़ीसदी सबसे ग़रीब परिवारों में से सिर्फ़ तीन प्रतिशत के पास ही कंप्यूटर और सिर्फ़ नौ फ़ीसदी के पास ही इंटरनेट की पहुंच रही.

डॉक्टरों के वेतन का भुगतान करने के लिए केंद्र राज्यों को निर्देश दे: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट में दाख़िल एक याचिका में आरोप लगाया गया है कि कोविड-19 के ख़िलाफ़ जंग में पहली कतार के योद्धाओं- डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ को वेतन नहीं दिया जा रहा या फिर उसमें कटौती की जा रही है अथवा इसके भुगतान में देरी की जा रही है.

कोरोना काल में अनेकों मनुष्य मानवता से ही ‘मुक्त’ हुए जा रहे हैं…

अतीत में हमने कोरोना से ज़्यादा संहारक महामारियां झेली हैं, वो भी तब, जब हमारे पास आज जैसा ज्ञान-विज्ञान नहीं था लेकिन कभी इतने भयाक्रांत नहीं हुए कि अपने मनुष्य होने पर ही संदेह होने लगे और संक्रमण से बचाव का डर उस हद तक पहुंच जाए, जहां से घर लौटते प्रवासी मज़दूर अवांछनीय नज़र आने लग जाएं!