सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर केंद्र और छह राज्यों - महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान, बिहार, मध्य प्रदेश तथा हरियाणा - से जवाब मांगा है. याचिका में दावा किया गया है कि शीर्ष अदालत के 2018 के फैसले में राज्यों को लिंचिंग सहित घृणा अपराधों के ख़िलाफ़ निर्णायक कार्रवाई करने का निर्देश देने के बावजूद मुसलमानों के ख़िलाफ़ ऐसे मामलों में चिंताजनक वृद्धि हुई है.
पशुधन के परिवहन को लेकर कर्नाटक के ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री प्रियांक खड़गे ने कहा कि अगर कोई क़ानून को अपने हाथ में लेता है, तो उसे पकड़ा जाए और उस पर मुक़दमा चलाया जाए. हालांकि, भाजपा ने उनके भाषण का एक हिस्सा उठाकर उन पर राज्य में अवैध गोहत्या को बढ़ावा देने का आरोप लगा दिया.
कर्नाटक की भारतीय जनता पार्टी सरकार द्वारा जुलाई 2019 से अप्रैल 2023 के बीच वापस लिए कुल 385 आपराधिक मामलों में 182 मामले हेट स्पीच, गोरक्षा और सांप्रदायिक हिंसा से संबंधित थे, जिनमें से अधिकांश घटनाएं दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं से संबंधित थीं और 1,000 से अधिक लोग इनमें आरोपी थे.
वीडियो: देश में गाय के नाम पर हो रही राजनीति को लेकर पत्रकार श्रुति गणपति ने 'हू विल बेल द काउ' नाम की किताब लिखी है. देश में गोरक्षा के नाम पर होने वाली हत्याओं, गोमांस ले जाने या खाने के संदेह में लिंचिंग और गोरक्षकों से जुड़ी राजनीति को लेकर उनसे बातचीत.
वीडियो: राजस्थान के भरतपुर ज़िले के रहने वाले जुनैद और नासिर बीते 14 फरवरी को किसी रिश्तेदार के यहां जाने के लिए निकले थे, लेकिन ज़िंदा वापस घर नहीं लौट सके. 16 फरवरी को ख़बर मिलती है कि उन्हें हरियाणा के भिवानी ज़िले में ज़िंदा जला दिया गया है. परिवार का दावा है कि बजरंग दल और मोनू मानेसर के लोगों ने उनकी हत्या की है.
वीडियो: हरियाणा के भिवानी में गाय के नाम पर होने वाली हिंसा के कथित मामले में जान गंवाने वाले जुनैद और नासिर राजस्थान के घाटमीका से थे. उनके गांव में शोक का माहौल है और लोग इंसाफ की मांग कर रहे हैं. द वायर के याक़ूत अली की रिपोर्ट.
वीडियो: हरियाणा के भिवानी में गाय के नाम पर होने वाली हिंसा का एक कथित मामला सामने आया है, जहां दो युवकों को अगवा कर उनकी गाड़ी में आग लगाकर मार देने का आरोप है. एफआईआर में मोनू मानेसर नाम के एक 'गोरक्षक' पर इस घटना को अंजाम देने का इल्ज़ाम है. क्या है मोनू मानेसर की कहानी, बता रहे हैं द वायर के ज़ीशान कासकर.
हरियाणा के भिवानी ज़िले का मामला. परिजनों ने गाय के नाम पर हिंसा का आरोप लगाया है. पुलिस के अनुसार, बीते बृहस्पतिवार एक वाहन के अंदर दो जले हुए शव मिले हैं. इससे एक दिन पहले राजस्थान में एक परिवार ने एफ़आईआर दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि दो युवक - जुनैद और दोस्त नासिर - लापता हो गए थे और बजरंग दल के सदस्यों द्वारा उनका अपहरण कर लिया गया था.
राजस्थान की अलवर पुलिस के अनुसार, भाजपा के पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा के ज़िले के गोविंदगढ़ में चिरंजीलाल सैनी के परिवार से मिलने के बाद वायरल हुए वीडियो के आधार पर यह केस दर्ज किया गया है. सैनी को कथित तौर पर मेव मुस्लिम समुदाय लोगों ने ट्रैक्टर चोरी के शक में पीटा था, जिसके बाद उनकी मौत हो गई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय गृह सचिव से भीड़ हिंसा और नफ़रत भरे भाषण जैसी अप्रिय स्थितियों को रोकने के लिए निवारक, सुधारात्मक और उपचारात्मक उपायों के संबंध में उसके पूर्व के दिशानिर्देशों के अनुपालन को लेकर राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों से सूचना एकत्रित कर कोर्ट को इसकी जानकारी देने को कहा है.
अगस्त में पारित किए गए असम मवेशी संरक्षण अधिनियम, 2021 में हिंदू, जैन और सिख बहुसंख्यक मंदिर या वैष्णव मठों के पांच किलोमीटर के दायरे में मवेशियों के वध और गोमांस की बिक्री पर रोक लगाई गई थी. अब हुए संशोधन के तहत पुलिस आरोपी के घर में प्रवेश कर जांच कर सकती है और अवैध पशु कारोबार के ज़रिये अर्जित संपत्ति को ज़ब्त करने की कार्रवाई भी कर सकती है.
यह घटना 12 सितंबर को राजस्थान-हरियाणा सीमा के पास भिवाड़ी के चोपानकी थाना क्षेत्र में हुई. गोरक्षकों का कहना है कि वे जिस ट्रक का पीछा कर रहे थे, उसमें कथित तौर पर गायों को तस्करी कर ले जाया जा रहा था. मृतक के परिवार ने पुलिस पर मामले को दबाने का प्रयास करने का आरोप लगाया है.
गोहत्या के आरोपी की ज़मानत याचिका ख़ारिज करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज शेखर कुमार यादव ने कहा कि जब गाय का कल्याण होगा, तभी देश का कल्याण होगा. उन्होंने यह भी कहा कि वैज्ञानिकों का मानना था कि गाय एकमात्र ऐसा जानवर है, जो ऑक्सीजन लेती और छोड़ती है.
20 जुलाई 2018 को अलवर ज़िले में गो-तस्करी के संदेह में कथित गोरक्षकों की भीड़ ने रकबर ख़ान की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. इसके बाद विश्व हिंदू परिषद के गोरक्षक सेल के नेता नवल किशोर शर्मा पर भीड़ की अगुवाई करने का आरोप था.
मामला सीतापुर ज़िले का है, जहां पुलिस ने चार लोगों को कथित तौर पर गोहत्या की बात करने को लेकर गोहत्या संरक्षण क़ानून के तहत हिरासत में लिया था. हाईकोर्ट ने एक आरोपी की ज़मानत याचिका पर सुनवाई करते हुए पुलिस की कार्रवाई पर नाराज़गी जताई और पुलिस अधीक्षक से जवाब तलब किया है.