परिवार के ऊपर क़र्ज़ 2020-21 में उछलकर जीडीपी का 37.3 प्रतिशत पहुंचा: एसबीआई रिपोर्ट

एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट में कहा गया है कि महामारी की दूसरी लहर के कारण क़र्ज़ का यह अनुपात चालू वित्त वर्ष में और बढ़ सकता है. परिवारिक क़र्ज़ का स्तर जुलाई 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद से बढ़ रहा है. इससे पहले नवंबर 2016 में नोटबंदी लागू की गई थी. परिवार पर बढ़ता क़र्ज़ का मतलब है कि उनकी वित्तीय बचत दर, खपत और स्वास्थ्य पर खर्च बढ़ने के कारण कम हुई है.

भारत की आधी कामकाजी आबादी क़र्ज़दार: रिपोर्ट

ट्रांसयूनियन सिबिल की रिपोर्ट में कहा गया है कि जनवरी 2021 तक भारत की कुल कामकाजी आबादी 40.07 करोड़ थी, जबकि खुदरा ऋण बाजार में 20 करोड़ लोगों ने किसी न किसी रूप में क़र्ज़ लिया है.

डेबिट, क्रेडिट कार्ड और ई-वॉलेट का इस्तेमाल कर फोन धोखाधड़ी के मामले बढ़ रहे हैं: गृह मंत्रालय

गृह मंत्रालय का कहना है कि वह इस तरह की धोखाधड़ी के मामलों से चिंतित है. आम भारतीयों द्वारा डिजिटल भुगतान बढ़ने की वजह से फोन धोखाधड़ी बढ़ रही है.

ई-कॉमर्स एकाधिकार और उपनिवेशवाद का ख़तरनाक ज़रिया है

डब्ल्यूटीओ की आगामी मंत्री वार्ता में ई-कॉमर्स को विषय के रूप में शामिल करने की ख़तरनाक कवायद इसलिए है ताकि सूचना तकनीक कंपनियों के एकाधिकार को मान्यता दिलाई जा सके.