33 प्रतिशत राज्यसभा सांसदों ने अपने ख़िलाफ़ आपराधिक मामले घोषित किए: रिपोर्ट

एडीआर और नेशनल इलेक्शन वॉच द्वारा किए गए एक विश्लेषण के मुताबिक़, भाजपा के 90 राज्यसभा सदस्यों में से 23 प्रतिशत ने अपने ख़िलाफ़ आपराधिक मामले घोषित किए हैं, वहीं कांग्रेस के 28 में से 50 फीसदी सांसद इसी तरह के आरोपों का सामना कर रहे हैं.

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एमपी/एमएलए अदालतों से कहा- बिना बाध्यकारी कारणों के सुनवाई स्थगित न करें

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संसद और विधायकों के ख़िलाफ़ लंबित आपराधिक मामलों के शीघ्र निपटान से जुड़ी जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि प्रधान ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश इन विशेष अदालतों के लिए पर्याप्त बुनियादी ढांचा सुविधा सुनिश्चित करेंगे और इन्हें ऐसी तकनीक अपनाने के लिए भी सक्षम बनाएंगे, जो प्रभावी कामकाज के लिए व्यवहारिक हो.

सांसद-विधायकों के ख़िलाफ़ मामलों के शीघ्र निपटान के लिए पीठ गठित करें हाईकोर्ट: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में दिशानिर्देश तैयार करने से परहेज़ किया, लेकिन कहा कि उच्च न्यायालयों को सांसदों और विधायकों के लिए लंबित आपराधिक मामलों के शीघ्र निपटान की निगरानी के लिए अपने संबंधित अधिकार क्षेत्र में ‘सांसदों और विधायकों के लिए नामित अदालतें’ शीर्षक से स्वत: संज्ञान मामले दर्ज करने चाहिए.

देश के 107 सांसदों और विधायकों के ख़िलाफ़ हेट स्पीच के मामले दर्ज: एडीआर

एडीआर और नेशनल इलेक्शन वॉच ने पिछले पांच वर्षों में देश में हुए विधानसभा और लोकसभा चुनावों में असफल उम्मीदवारों के अलावा सभी मौजूदा सांसदों और विधायकों के हलफ़नामों का विश्लेषण किया है. इसके अनुसार हेट स्पीच से संबंधित घोषित मामलों वाले 480 उम्मीदवारों ने राज्य विधानसभाओं, लोकसभा और राज्यसभा का चुनाव लड़ा है.

40% मौजूदा सांसदों के ख़िलाफ़ आपराधिक केस दर्ज, 25 फीसदी पर गंभीर आपराधिक मामले: एडीआर

एडीआर और नेशनल इलेक्शन वॉच ने यह भी बताया है कि लोकसभा और राज्यसभा के प्रति सांसद संपत्ति का औसत मूल्य 38.33 करोड़ रुपये है और 53 सांसद (7 फीसदी) अरबपति हैं. प्रति सांसद उच्चतम औसत संपत्ति वाला राज्य तेलंगाना (24 सांसद) है, जहां के सांसदों की औसत संपत्ति 262.26 करोड़ रुपये है.

सुप्रीम कोर्ट को बताया गया- महाराष्ट्र में सांसदों-विधायकों के ख़िलाफ़ सर्वाधिक 442 मामले दर्ज

सुप्रीम कोर्ट पिछले महीने सभी उच्च न्यायालयों को सांसदों-विधायकों के ख़िलाफ़ पांच साल से अधिक समय से लंबित आपराधिक मामलों और उनके शीघ्र निपटारे के लिए उठाए गए क़दमों समेत पूरा विवरण उपलब्ध कराने को कहा था. हालांकि उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार समेत सात राज्यों ने इस संबंध में जानकारी नहीं दी है.

आरोपी सांसदों और विधायकों को गिरफ़्तार करने में पुलिस की अनिच्छा गंभीर मामला: सुप्रीम कोर्ट

शीर्ष अदालत ने कहा कि सांसदों और विधायकों के ख़िलाफ़ मामले लंबित हैं, क्योंकि पुलिस अधिकारी कभी-कभी ऐसे जनप्रतिनिधियों के दबाव के चलते क़ानून का अनुपालन नहीं कर पाते हैं.