आपराधिक न्याय प्रणाली के औपनिवेशिक स्वरूप को बदलने का हवाला देते हुए केंद्र सरकार ने लोकसभा में तीन नए विधेयक पेश किए हैं. कांग्रेस ने इसकी आलोचना करते हुए कहा कि इसकी प्रेरणा हर चीज़ पर अपनी छाप छोड़ने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा है.
यूनीफॉर्म सिविल कोड के नाम पर चैनलों और अखबारों में कितनी बहस चलाई गई और मुसलमानों के प्रति नफ़रत का वट वृक्ष खड़ा किया जाता रहा. इस डिबेट में पहले भी कुछ नहीं था, अब भी कुछ नहीं है.
विधि आयोग ने विवाह, तलाक, गुजारा भत्ता से संबंधित कानूनों तथा महिलाओं और पुरुषों की विवाह योग्य उम्र में बदलाव के सुझाव दिए हैं.