यूपी पुलिस 2017 के बाद से 10,713 एनकाउंटर में शामिल रही है, जिनमें से सबसे अधिक 3,152 मेरठ पुलिस द्वारा किए गए. इसके बाद आगरा पुलिस ने 1,844 एनकाउंटर को अंजाम दिया, जिसमें 4654 अपराधियों को गिरफ़्तार किया गया, जबकि 14 आरोपी मारे गए और 55 पुलिस वाले घायल हुए.
बीते फरवरी में असम पुलिस ने मुठभेड़ में एक व्यक्ति को मारते हुए उसके सरेंडर बोडो उग्रवादी केनाराम होने का दावा किया था. हालांकि, एक परिवार ने इस दावे का खंडन करते हुए कहा था कि एनकाउंटर में केनाराम की जगह उनके परिजन दिंबेश्वर की मौत हुई है. डीएनए रिपोर्ट सामने आने के बाद पुलिस ने स्वीकार किया कि मृतक केनाराम नहीं था.
उत्तराखंड के गृह विभाग की अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने यूपी पुलिस पर बेकसूर लोगों को गिरफ़्तार कर उन्हें अपराधी ठहराने का गंभीर आरोप लगाया है. उनका यह बयान ऐसे समय आया है, जब एक खनन माफिया को गिरफ़्तार करने गई मुरादाबाद पुलिस और ग्रामीणों के बीच हुई गोलीबारी में स्थानीय भाजपा नेता और ब्लॉक प्रमुख की पत्नी की मौत हो गई थी.
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि हमारे हज़ारों युवा जेलों में हैं, धार्मिक विद्वानों के यहां छापा डाला जाता है. सरकार दावा करती रहती है कि जम्मू कश्मीर में स्थिति सुधर गई है. अगर स्थिति सुधर गई होती तो इतने अधिक मानवाधिकार उल्लंघन नहीं होते.
झारखंड की राजधानी रांची के पास तुपुदाना इलाके में पुलिस सब-इंस्पेक्टर संध्या टोपनो वाहनों की जांच कर रही थीं, तभी तेज़ी से आ रहे मवेशियों से भरे वाहन से उन्हें टक्कर मार दी और चालक गाड़ी लेकर फ़रार हो गया. बीते 19 जुलाई को हरियाणा के नूंह में अवैध खनन की जांच में लगे एक पुलिस उपाधीक्षक सुरेंद्र सिंह को भी ट्रक चालक ने कुचलकर मार डाला था.
असम के कछार ज़िले का मामला. बीते जून महीने में असम सरकार ने गुवाहाटी हाईकोर्ट को बताया था कि मई 2021 में हिमंता बिस्वा शर्मा के असम का मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद से 13 महीनों में पूरे राज्य में हिरासत से कथित तौर पर भागने के प्रयास के दौरान पुलिस कार्रवाई की कुल 161 घटनाएं हुईं, जिनमें 51 आरोपियों की मौत हो गई.
असम सरकार ने गुवाहाटी हाईकोर्ट को बताया कि मई 2021 में मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा के कार्यभार संभालने के बाद 13 महीनों में पूरे राज्य में पुलिस कार्रवाई या मुठभेड़ की कुल 161 घटनाएं हुईं, जिनमें 51 आरोपियों की मौत हो गई और 139 अन्य घायल हो गए. हाईकोर्ट एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें अदालत की निगरानी में किसी स्वतंत्र एजेंसी से मुठभेड़ों की जांच कराने का अनुरोध किया गया है.
भाजपा के दिल्ली प्रभारी और उपाध्यक्ष बैजयंत पांडा ने कहा है कि नई दिल्ली में रह रहे ‘अवैध प्रवासियों’ को उनके हाव-भाव से पहचाना जा सकता है और वे ‘डॉन की तरह कपड़े’ पहनते हैं. उन्होंने कहा कि हमने स्वीडन, हॉलैंड और बेल्जियम आदि में देखा है, जहां प्रवासी समुदायों ने ‘नो गो ज़ोन’ बना रखे हैं, जहां लोग यहां तक कि पुलिस भी जाने से डरती है. ऐसा लगता है कि अवैध प्रवासियों ने दिल्ली में भी ऐसा ही किया है.
वीडियो: दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में सांप्रदायिक हिंसा के बाद भाजपा शासित नगर निगम द्वारा बीते 20 अप्रैल अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया गया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी यह अभियान कई घंटों तक चलता रहा, जिस पर अदालत ने संज्ञान भी लिया है. बुलडोज़र और विध्वंस की राजनीति पर अधिवक्ता शमशाद और द वायर की रिपोर्टर सुमेधा पाल से आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
वीडियो: देश के विभिन्न राज्यों में रामनवमी और हनुमान जयंती पर हिंसा के बाद सांप्रदायिक घटनाओं का सिलसिला देखने को मिल रहा है. इन घटनाओं पर द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.
पुलिस ने कहा है कि असम के कोकराझार ज़िले जामदुआर इलाके में बीते 18 अप्रैल की देर रात उग्रवादियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में पशु तस्कर अकबर बंजारा और सलमान बंजारा मारे गए और चार पुलिसकर्मी घायल हो गए. एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने असम पुलिस की कहानी पर संदेह जताते हुए कहा कि विधि-शासन पर बंदूक-शासन हावी हो चुका है.
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के पुलिस आयुक्त द्वारा जेल में सुधार के लिए दिए गए सुझावों पर उठाए गए क़दमों को लेकर कार्य योजना और रिपोर्ट दाखिल न करने पर गृह मंत्रालय के रवैये पर नाराज़गी व्यक्त की. पीठ ने तीन सप्ताह के भीतर यह रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है.
कानपुर के बिकरू कांड में एसएचओ विनय कुमार तिवारी और एसआई केके शर्मा की ज़मानत याचिका ख़ारिज करते हुए अदालत ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों को साथ बैठकर यह निर्णय करने की ज़रूरत है कि गैंगस्टरों और अपराधियों को राजनीति में आने से हतोत्साहित किया जाए और कोई भी पार्टी उन्हें टिकट न दे.
असम विधानसभा में राज्य में मुठभेड़ों की बढ़ती संख्याओं पर विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने बताया कि गत दो महीनों के दौरान पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में 15 कथित अपराधी मारे गए, जबकि 23 अन्य घायल हुए. ये मुठभेड़ कथित अपराधियों द्वारा पुलिस के हथियार छीनकर हमला करने और भागने की कोशिश के दौरान हुई.
वकील ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को दी गई अपनी शिकायत में दावा किया है कि पुलिस ने फ़र्ज़ी मुठभेड़ों में छोटे अपराधियों को गोली मारी है. हाल में ऐसी 20 से अधिक मुठभेड़ हुई हैं. सभी कथित अपराधी ड्रग डीलर, पशु तस्कर, डकैत जैसे छोटे किस्म के अपराधी थे, आतंकवादी नहीं थे. इनके हथियार चलाने के लिए प्रशिक्षित होने की संभावना भी नहीं थी.