अनाज उत्पादन पिछले साल के रिकॉर्ड स्तर पर, दाम को लेकर बढ़ सकती हैं किसानों की दिक्कतें

विशेषज्ञों का कहना है कि कृषि क्षेत्र में संकट बढ़ रहा है. उपज का दाम समर्थन मूल्य से नीचे आता है, तो किसानों को मुश्किल होगी. पिछले दो साल में किसानों की आमदनी बुरी तरह प्रभावित हुई है.

जिस सरकार ने नोटबंदी की, उसी को क़र्ज़ माफ़ी का ख़र्च भी उठाना चाहिए

अगर न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग उथली राजनीति है तो नरेंद्र मोदी का देश भर में घूम-घूम कर चुनावी सभाओं में वादा करना उथली राजनीति नहीं थी?

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से किसानों का कम निजी कंपनियों को ज़्यादा फायदा है

राज्यवार आंकड़ों से पता चलता है कि योजना के तहत किसान जितने भुगतान का दावा करते हैं निजी बीमा कंपनियां उससे कम राशि अदा करती हैं.

क्या किसानों के नाम पर सरकार बीमा कंपनियों पर मेहरबान है?

कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि फसल बीमा योजना के तहत प्राइवेट बीमा कंपनियों को भारी भरकम फंड देने के बाद भी, उनके खातों की ऑडिट जांच के लिए कोई प्रावधान नहीं रखा गया है.

क्यों फसल बीमा के नाम पर बिना अनुमति किसानों के पैसे काट रहे बैंक?

किसानों का कहना है कि बैंक वाले कभी यह देखने नहीं आए कि खेत में कौन सी फसल लगी हुई है. खेत में गन्ना होगा और वे धान का प्रीमियम काट लेते हैं.