मणिपुर में हिंसक विरोध फिर तेज़ हो गया है, जहां 25 मई को भीड़ ने केंद्रीय विदेश और शिक्षा राज्यमंत्री आरके रंजन सिंह के पूर्वी इंफाल ज़िले के कोंगबा स्थित घर में घुसने की कोशिश की. उधर, मुख्यमंत्री ने बताया कि 38 संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान की गई है जहां केंद्रीय और राज्य बलों के जवान संयुक्त रूप से काम करेंगे.
मणिपुर में बिष्णुपुर ज़िले ताज़ा हिंसा भड़कने के बाद फिर से अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है. राज्य में बीते 3 मई को कुकी और मेईतेई समुदायों के बीच जातीय हिंसा बढ़ने के बाद लगातार हिंसा जारी है. कुकी समेत अन्य आदिवासी समुदाय मेईतेई समाज के एसटी दर्जा देने की मांग का विरोध कर रहे हैं.
उत्तर-पूर्व में जातीय संघर्ष की लंबी सामाजिक और सांस्कृतिक जड़ें हैं. मणिपुर में जारी वर्तमान अराजकता जातीय राजनीतिक आकांक्षाओं से जुड़ी हुई है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उत्तर-पूर्व भारत में दशकों पुराने उग्रवादी अलगाववादी आंदोलनों के बीच जातीय विभाजन को मजबूत करने में धर्म ने एक बढ़ती हुई भूमिका निभानी शुरू कर दी है.
मणिपुर में रविवार और सोमवार को फिर हिंसा भड़क गई, जिसके चलते कर्फ्यू में दी गई ढील को दो घंटे कम कर दिया गया है. इंटरनेट पर प्रतिबंध 26 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया है. हालिया हिंसा के संबंध में पुलिस ने तीन व्यक्तियों को गिरफ़्तार किया है, जिनमें एक पूर्व विधायक भी शामिल हैं.