विशेषज्ञों का कहना है कि भारत 3.5 फीसदी के काफी उच्च स्तर के चालू खाते के घाटे की संभावना से दो-चार है. एक अनुमान के मुताबिक़, भारत का चालू खाते का घाटा 100 अरब अमेरिकी डॉलर के बराबर हो सकता है. सरकार के सामने इस बढ़ रहे चालू खाते के घाटे की भरपाई पूंजी प्रवाह से करने की चुनौती है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि भारत में सोने का अधिक उत्पादन नहीं होता है और इसलिए इसके आयात से देश के विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव पड़ता है. सोने की मांग कीमत से प्रभावित नहीं होती है, यह बनी रहती है. ऐसे में इसके आयात को कम करने के प्रयास करने होंगे. या फिर अगर आप आयात करना ही चाहते हैं तो आपको अधिक कीमत अदा करनी होगी, ताकि देश को राजस्व मिले.