द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
हज़ारीबाग़ के बरही थाने का मामला. चोरी के आरोपी 25 वर्षीय व्यक्ति की पुलिस हिरासत में मौत हो गई. पुलिस का कहना है कि उसकी मौत आत्महत्या से हुई, जबकि परिवार के सदस्यों ने दावा किया कि यह 'हिरासत में यातना' का मामला है जिसके कारण मौत हुई.
उत्तर प्रदेश के बागपत ज़िले का मामला. रविवार को पुलिस ने 28 वर्षीय मोहम्मद साजिद को जुआ खेलने के आरोप में उठा लिया था. उन्हें छोड़ने के कुछ समय बाद उनकी मौत हो गई. परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस चौकी में उन्हें प्रताड़ित किया गया. परिवार ने ज़िम्मेदार पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग की है.
हैदराबाद पुलिस ने चेन स्नेचिंग के एक मामले में मोहम्मद क़ादिर को पकड़ा था. परिवार का दावा है कि इस घटना से क़ादिर का कोई संबंध नहीं था. मौत से पहले अस्पताल से क़ादिर ने एक वीडियो जारी कर पुलिस हिरासत में प्रताड़ना के आरोप लगाए थे.
महाराष्ट्र के नवी मुंबई शहर का मामला. कलंबोली पुलिस स्टेशन में तैनात एक सहायक पुलिस इंस्पेक्टर पर दलित युवक ने थाने में जातिसूचक गालियां देने का भी आरोप लगाया है. पुलिस ने कहा कि अधिकारी के ख़िलाफ़ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है.
मध्य प्रदेश के राजगढ़ ज़िले का मामला. भोपाल मध्य से कांग्रेस विधायक आरिफ़ मसूद ने आरोप लगाया है कि जेल में मुस्लिम समुदाय के इन लोगों के साथ दुर्व्यवहार किया गया है. उन्होंने इस संबंध में प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा से मुलाकात की और जेल अधिकारियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने की मांग की है.
ये सभी विचाराधीन क़ैदी दक्षिण 24 परगना ज़िले के बरुईपुर केंद्रीय सुधार गृह में न्यायिक हिरासत में थे. परिवारों द्वारा जेल प्रशासन पर प्रताड़ना के आरोप लगाए जाने के बाद ज़िला कलेक्टर ने प्रत्येक मृतक के परिजन को 5 लाख रुपये का मुआवज़ा देते हुए सीआईडी जांच कराने की बात कही है.
11 जून को सोशल मीडिया पर सामने आए एक वीडियो में पुलिस हिरासत में लिए कुछ युवकों को बेरहमी से पीटते हुए दिख रही थी. दावा किया गया था कि वीडियो सहारनपुर के कोतवाली थाने का है पर पुलिस ने इससे इनकार किया था. अब भी पुलिस का कहना है वह वीडियो की सत्यता की पुष्टि कर रही है, वहीं मजिस्ट्रेट अदालत ने वीडियो में दिख रहे आठ लोगों को सबूतों के अभाव में आरोपमुक्त कर दिया है.
शनिवार 11 जून को सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया था, जिसमें पुलिस हिरासत में कुछ युवकों को बेरहमी से पीटे जाते हुए देखा जा सकता था. दावा किया गया कि वीडियो सहारनपुर जिले के कोतवाली थाने का है. हालांकि, पुलिस लगातार इन दावों को ख़ारिज करती रही लेकिन अब वीडियो में दिख रहे लोगों के परिजन सामने आए हैं और कह रहे हैं कि वीडियो सहारनपुर का ही है.
उत्तर प्रदेश के बदायूं ज़िले के अलापुर थाना क्षेत्र की ककराला पुलिस चौकी में का मामला. युवक की पहचान 22 वर्षीय रेहान शाह के रूप में हुई है. परिजनों का आरोप है कि चौकी के अंदर पूछताछ के दौरान रेहान को करंट का झटका दिया गया और उनके गुप्तांग में प्लास्टिक की पाइप डाल दी गई थी. बाद में पुलिसकर्मियों ने उन्हें छोड़ने के एवज में पांच हज़ार रुपये की रिश्वत भी ली थी.
यह मामला चार फरवरी 2015 का है, जब ग़ैर-अधिसूचित जनजाति से ताल्लुक रखने मनसुख कुमारखानिया, उनकी पत्नी मीना, भाई रसिक और उनकी पत्नी रीना को लूट के प्रयास के एक मामले में गिरफ़्तार किया था. आरोप है कि पुलिस ने इन चार लोगों को तब तक प्रताड़ित किया, जब तक उन्होंने एक कथित अपराध को कबूल नहीं कर लिया.
उत्तर प्रदेश में सीएए के विरोध में दिसंबर 2019 में हुए प्रदर्शनों के दौरान पुलिस ने कई ज़िलों में प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की थी, जिसमें 22 मुस्लिमों की मौत हो गई और कई घायल हो गए थे. नागरिक समाज संगठनों के सदस्यों की कई शिकायतों के आधार पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने अब इसकी जांच शुरू की है.
इस महीने की शुरुआत में लूट के एक आरोपी के शरीर पर चोटों के निशान देखने के बाद एक जज ने बेगमपुर पुलिस थाने के कर्मचारियों के ख़िलाफ़ जांच शुरू करने का आदेश दिए थे. अब अदालत ने आरोपी को हिरासत में प्रताड़ित करने, उनके परिवार की महिलाओं से छेड़छाड़ के लिए कई पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया है.
मामला बेंगलुरु का है, जहां तौसीफ़ पाशा नाम के एक युवक को पिछले सप्ताह झगड़ा करने के आरोप में थाने ले जाया गया था. उनका आरोप है कि वहां पुलिस ने उन्हें बर्बर तरीके से पीटा, उनकी दाढ़ी काट दी और उनकी रिहाई के लिए पैसे मांगे.
बेंगलुरु के वरथुर पुलिस स्टेशन ने 22 वर्षीय युवक सलमान को बैटरी चोरी के आरोप में हिरासत में लिया था. पीड़ित ने आरोप लगाया है कि इस दौरान उन्हें बर्बर तरीके से पीटा गया, जिसके कारण उन्हें अपना एक हाथ गंवाना पड़ा.