यह मामला चार फरवरी 2015 का है, जब ग़ैर-अधिसूचित जनजाति से ताल्लुक रखने मनसुख कुमारखानिया, उनकी पत्नी मीना, भाई रसिक और उनकी पत्नी रीना को लूट के प्रयास के एक मामले में गिरफ़्तार किया था. आरोप है कि पुलिस ने इन चार लोगों को तब तक प्रताड़ित किया, जब तक उन्होंने एक कथित अपराध को कबूल नहीं कर लिया.
उत्तर प्रदेश में सीएए के विरोध में दिसंबर 2019 में हुए प्रदर्शनों के दौरान पुलिस ने कई ज़िलों में प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की थी, जिसमें 22 मुस्लिमों की मौत हो गई और कई घायल हो गए थे. नागरिक समाज संगठनों के सदस्यों की कई शिकायतों के आधार पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने अब इसकी जांच शुरू की है.
इस महीने की शुरुआत में लूट के एक आरोपी के शरीर पर चोटों के निशान देखने के बाद एक जज ने बेगमपुर पुलिस थाने के कर्मचारियों के ख़िलाफ़ जांच शुरू करने का आदेश दिए थे. अब अदालत ने आरोपी को हिरासत में प्रताड़ित करने, उनके परिवार की महिलाओं से छेड़छाड़ के लिए कई पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया है.
मामला बेंगलुरु का है, जहां तौसीफ़ पाशा नाम के एक युवक को पिछले सप्ताह झगड़ा करने के आरोप में थाने ले जाया गया था. उनका आरोप है कि वहां पुलिस ने उन्हें बर्बर तरीके से पीटा, उनकी दाढ़ी काट दी और उनकी रिहाई के लिए पैसे मांगे.
बेंगलुरु के वरथुर पुलिस स्टेशन ने 22 वर्षीय युवक सलमान को बैटरी चोरी के आरोप में हिरासत में लिया था. पीड़ित ने आरोप लगाया है कि इस दौरान उन्हें बर्बर तरीके से पीटा गया, जिसके कारण उन्हें अपना एक हाथ गंवाना पड़ा.
उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर ज़िले का मामला. एक नाबालिग लड़की के अपहरण के आरोपी दलित युवक की मां की शिकायत के आधार पर तीनों पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ हत्या का मामला दर्ज करने के साथ उन्हें निलंबित कर दिया गया है. शिकायतकर्ता का कहना है कि तीनों पुलिसकर्मियों ने उनके बेटे को मारने की मंशा से उसका गला घोंटा और डंडे से बेरहमी से उसकी पिटाई की, जिससे उसकी मौत हो गई.
गुजरात सरकार ने प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक निरंजन पटेल द्वारा पूछे गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में विधानसभा को बताया कि 2019 में पुलिस हिरासत में 70 मौतें हुईं, जबकि 2020 में 87 लोगों की जान गई थी.
कच्छ ज़िले के मुंद्रा थाने का मामला. 12 जनवरी को चोरी के संदेह में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ़्तार किया था, जिनमें से एक की मौत 19 जनवरी को हो गई थी. तब भी आरोप लगा था कि पुलिस की बर्बर पिटाई के बाद उनकी जान गई.
गुजरात के कच्छ ज़िले के मुंद्रा पुलिस स्टेशन का मामला. चोरी के संदेह में गिरफ़्तार किए गए एक मज़दूर की 19 जनवरी को मौत हो गई थी. आरोप है कि हिरासत में बेरहमी से उनकी पिटाई की गई थी. मामले में मुंद्रा पुलिस इंस्पेक्टर को भी लापरवाही बरतने की वजह से निलंबित किया गया है.
इस साल जून में पुलिस हिरासत में हुई जयराज और उनके बेटे बेनिक्स की मौत के मामले में सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें कहा गया है कि उन्हें इतनी बुरी तरह से पीटा गया था कि उनका ख़ून दीवारों पर फैल गया था. इसके बाद पुलिस ने उन्हें उनके ही कपड़ों से ख़ून पोंछने के लिए मजबूर किया.
तमिलनाडु के सथनकुलम क़स्बे में लॉकडाउन नियमों के उल्लंघन के आरोप में बीते 19 जून को पिता-पुत्र को गिरफ़्तार किया गया था. दो दिन बाद एक अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी. इस संबंध में छह पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ हत्या का केस दर्ज किया है और पांच पुलिसकर्मी गिरफ्तार किए गए हैं.
तमिलनाडु के सथनकुलम क़स्बे में लॉकडाउन नियमों के उल्लंघन के आरोप में बीते 19 जून को पिता-पुत्र को गिरफ़्तार किया गया था. दो दिन बाद एक अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी. इस मामले में बीते एक जुलाई को छह पुलिसकर्मियों पर हत्या का केस दर्ज किया गया था.
तमिलनाडु के तुथुकुडी ज़िले के सथकुलम क़स्बे में पी. जयराज और उनके बेटे बेनिक्स को लॉकडाउन में समय से देर तक अपनी मोबाइल की दुकान खोलने के लिए बीते 19 जून को पुलिस ने हिरासत में लिया था. दो दिन बाद एक अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी. इस मामले में छह पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ हत्या का मामला दर्ज किया गया है.
तमिलनाडु के तुथुकुडी ज़िले के सथकुलम क़स्बे में पी. जयराज और उनके बेटे बेनिक्स को लॉकडाउन में समय से देर तक अपनी मोबाइल की दुकान खोलने के लिए बीते 19 जून को पुलिस ने हिरासत में लिया था. दो दिन बाद एक अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी. मामले की जांच सीबी-सीआईडी को सौंप दी गई है.
तुथुकुडी ज़िले में कथित तौर पर हिरासत में हुई पिता-पुत्र की मौत की जांच कर रही न्यायिक टीम की शिकायत पर मद्रास हाईकोर्ट ने तीन पुलिसकर्मियों पर अवमानना की कार्रवाई शुरू की है. साथ ही सथनकुलम पुलिस स्टेशन का नियंत्रण राजस्व अधिकारियों को सौंपने का आदेश दिया है.