सीबीआई के पूर्व विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार मामले के जांच अधिकारी सतीश डागर ने ऐसे समय में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की मांग की है, जब बीते 31 अगस्त को दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच चार महीने में पूरी करने का आदेश दिया था.
लोकपाल के लिए आवंटित किए गए बजट को निर्माण और स्थापना संबंधी कार्यों में ख़र्च किया जाएगा.
आरोपियों में आईएएस के सेवा अधिकारी, ईडी और आयकर विभाग के अधिकारी शामिल हैं. इन आरोपियों में से 45 विभिन्न सरकारी बैंकों से जुड़े हैं.
इन मामलों में बैंकों के 13 कर्मचारी शामिल हैं. सबसे ज़्यादा नौ मामले कार्मिक मंत्रालय के पास मंज़ूरी के लिए लंबित पड़े हैं.
दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर सीबीआई द्वारा एनएसए अजीत डोभाल के फोन को अवैध रूप से टैप करने की जांच के लिए एसआईटी गठन की मांग की गई थी. एजेंसी ने अदालत के समक्ष हलफनामा दायर कर जवाब दिया.
केंद्र सरकार द्वारा सीबीआई के डीआईजी अनीश प्रसाद का कार्यकाल बीच में ही समाप्त करते हुए उनके मूल कैडर वापस भेज दिया गया है. वे उन 14 अधिकारियों में शामिल थे, जिनका वर्मा-अस्थाना विवाद के बाद 24 अक्टूबर को तबादला किया गया था.
एक आरटीआई के जवाब में केंद्र सरकार ने बताया कि मुख्य सतर्कता आयुक्त/सतर्कता आयुक्तों के ख़िलाफ़ मिलीं आपत्तियों और शिकायतों से निपटने के लिए दिशानिर्देश तय करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. हाल ही में सीवीसी केवी चौधरी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं.
ट्रांसफर किए गए अधिकारियों में 2जी घोटाले की जांच कर रहे एसपी विवेक प्रियदर्शी और स्टरलाइट प्लांट के विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस फायरिंग में मारे गए 13 लोगों के मामले की जांच कर रहे अधिकारी ए. सर्वनन भी शामिल हैं.
जांच एजेंसी के पूर्व विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में दर्ज प्राथमिकी की जांच करने वाले एके बस्सी ने आरोप लगाया है कि वह जांच एजेंसी के अंतरिम निदेशक एम. नागेश्वर राव के शोषण का शिकार हैं.
केंद्र सरकार ने सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना समेत चार अधिकारियों- एके शर्मा, एमके सिन्हा, जयंत जे. नाइकनवरे का कार्यकाल ख़त्म कर दिया है.
केंद्रीय सतर्कता आयुक्त केवी चौधरी पर सहारा-बिड़ला डायरी, नीरा राडिया केस, शराब व्यापारी पोंटी चड्ढा को टैक्स फायदा पहुंचाने, मोईन कुरैशी रिश्वत मामला, पोंजी स्कीम जैसे कई बड़े मामलों में सवाल उठ चुके हैं.
अवैध खनन मामले में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की कथित भूमिका की जांच की निगरानी कर रहीं सीबीआई की डीआईजी गगनदीप गंभीर का तबादला कर दिया गया.
लोकसभा में कांग्रेस के नेता 10 जनवरी को हुई उच्चाधिकार प्राप्त चयन समिति की बैठक में आलोक वर्मा को हटना का कड़ा विरोध जाहिर करने वाले मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जांच रिपोर्ट और बैठक के मिनट्स सार्वजनिक किए जाएं ताकि जनता अपने निष्कर्ष निकाल सके.
नरेंद्र मोदी सरकार ने पिछले साल दिसंबर महीने सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश एके सीकरी को लंदन स्थित राष्ट्रमंडल सचिवालय पंचायती ट्रिब्यूनल में नामित करने का फैसला किया था. इसी समय आलोक वर्मा मामले की सुनवाई चल रही थी.
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट जज एके सीकरी को लंदन स्थित राष्ट्रमंडल सचिवालय पंचायती ट्रिब्यूनल में नामित करने का फैसला पिछले महीने लिया जब आलोक वर्मा मामले की सुनवाई कोर्ट में चल रही थी. सीकरी आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक के पद से हटाने वाली उच्चाधिकार प्राप्त चयन समिति के सदस्य थे.