बीते 22 फरवरी को दादरा एवं नागर हवेली से 58 वर्षीय सांसद मोहन डेलकर का शव मुंबई के मरीन ड्राइव स्थित एक होटल के कमरे में पंखे से लटकता हुआ मिला था. 15 पन्नों के एक सुसाइड नोट में उन्होंने कथित तौर पर केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासक प्रफुल्ल खोड़ा पटेल और कई अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के नाम लिखे थे.
निराला ने वीणावादिनी से 'नव गति, नव लय, ताल-छंद नव, नवल कंठ' मांगे थे, लेकिन आज जिन पैरों में नई गति है, उन्हें बेड़ियों से बांध दिया गया है. कंठ पर ताला है और नएपन की जगह कारागार है. जब मेरा स्वर नहीं तो क्या मैं सरकारी कंठ से प्रार्थना करूं? क्या यह देवी का अपमान नहीं?