बीते 29 जुलाई को उत्तर प्रदेश की हाथरस पुलिस द्वारा दर्ज की गई एक शिकायत के बाद आगरा में बुकर पुरस्कार विजेता लेखक गीतांजलि श्री के सम्मान में होने वाले कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया है. शिकायत में आरोप लगाया गया है कि उनकी किताब ‘रेत समाधि’ में भगवान शिव और पार्वती का ‘आपत्तिजनक चित्रण’ है, जो ‘हिंदुओं की भावनाओं को आहत’ करता है.
वीडियो: हाल ही में गीतांजलि श्री के उपन्यास ‘रेत समाधि’ के अंग्रेज़ी अनुवाद ‘टूम्ब ऑफ सैंड’ को अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. इसका अनुवाद इस क्षेत्र की सिद्धहस्त अनुवादक डेज़ी राॅकवाल ने किया है. द वायर के ‘हिंदी की बिंदी’ कार्यक्रम में गीतांजलि श्री से दामिनी यादव से ख़ास बातचीत.
अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने वाली पहली भारतीय लेखक गीतांजलि श्री का कहना है कि मनुष्यों में एक से अधिक भाषा को जानने की क्षमता है. हमारी ऐसी शिक्षा प्रणाली होनी चाहिए, जो लोगों को अपनी मातृ भाषा या अन्य भारतीय भाषाओं और अंग्रेज़ी को जानने के लिए प्रोत्साहित करे, इसमें समस्या क्या है, लेकिन इसके राजनीति में घिर जाने से यह एक तरह की अनसुलझी समस्या बन गया है.
पुस्तक समीक्षा: हिंदी की अमूमन लिखाइयों में किसी नए क्राफ्ट, नए शिल्प या बुनाई के खेल कम ही होते हैं. लेकिन इस किताब को सब बंधन को तोड़ देने के बाद ऐसे लिखा गया है जैसे कि मन सोचता है.
लेखक गीतांजलि श्री के मूल रूप से हिंदी में लिखे गए उपन्यास 'रेत समाधि' के डेज़ी रॉकवेल द्वारा किए अंग्रेज़ी अनुवाद ‘टूम्ब ऑफ सैंड’ को अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. बुकर पाने वाला यह किसी भारतीय भाषा का पहला उपन्यास है.
उत्तर प्रदेश के मैनपुरी से ताल्लुक रखने वाली लेखक गीतांजलि श्री का हिंदी से अंग्रेज़ी भाषा में अनूदित उपन्यास ‘टूम्ब ऑफ सैंड’ विश्व की उन 13 पुस्तकों में शामिल है, जिसे अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार के लिए संक्षिप्त सूची में शामिल किया गया है. यह पुस्तक मूल रूप से हिंदी में ‘रेत समाधि’ के नाम से प्रकाशित हुई थी.