बीते 29 जनवरी को लखनऊ में सांकेतिक विरोध प्रदर्शन के दौरान रामचरितमानस की फोटोकॉपी जलाने के मामले में सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य के अलावा 10 लोगों को आरोपी बनाया गया है. इस संबंध में दर्ज एफ़आईआर में आरोप लगाया गया है कि रामचरितमानस के पन्नों की छायाप्रतियां जलाने से शांति एवं सद्भाव को ख़तरा है.
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में अखिल भारतीय ओबीसी महासभा के कार्यकर्ताओं ने रविवार को लखनऊ में कथित तौर पर ‘महिलाओं और दलितों पर आपत्तिजनक टिप्पणियों’ के उल्लेख वाले रामचरितमानस के पन्ने की फोटोकॉपी जलाई थीं. मौर्य पर इससे पहले भी एक मुक़दमा दर्ज किया जा चुका है.
कुछ राजनीतिक नेताओं द्वारा रामायण पर आधारित हिंदू धार्मिक पुस्तक रामचरितमानस पर दिए गए विवादास्पद बयानों की पृष्ठभूमि में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की यह चेतावनी आई है. उन्होंने कहा कि रामायण ग्रंथ देने वाले तुलसीदास जी को मैं प्रणाम करता हूं. ऐसे लोग जो हमारे इन महापुरुषों का अपमान करते हैं, वह सहन नहीं किए जाएंगे.
सपा के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि धर्म का वास्तविक अर्थ मानवता के कल्याण और उसकी मज़बूती से है. अगर रामचरितमानस की किन्हीं पंक्तियों के कारण समाज के एक वर्ग का ‘जाति’, ‘वर्ण’ और ‘वर्ग’ के आधार पर अपमान होता हो तो यह निश्चित रूप से ‘धर्म’ नहीं, बल्कि ‘अधर्म’ है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का राज्य में जाति जनगणना करवाने का निर्णय 2024 के लोकसभा चुनावों के मद्देनज़र राष्ट्रीय राजनीति को बड़े स्तर पर प्रभावित करने का माद्दा रखता है.
घटना सलेम के विरुदासमपट्टी में शक्ति मरियम्मन मंदिर में हुई, जहां कथित उच्च जाति की महिलाओं ने मंदिर में आयोजित एक पूजा में दलित श्रद्धालुओं को प्रवेश से रोक दिया. अधिकारियों के समझाने के बाद भी जब वे लोग दलितों को मंदिर में आने देने के लिए सहमत नहीं हुए तो राजस्व अधिकारियों ने मंदिर सील कर दिया.
जिस तरह देश की सबसे पुरानी पार्टी ने धीरे-धीरे दलितों और ओबीसी मतदाताओं के बीच अपना मजबूत प्रभाव खोया है, उसे देखते हुए एक दलित कांग्रेस कार्यकर्ता के पार्टी प्रमुख बनने को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता.
घटना राजधानी बेंगलुरु से 80 किमी दूर चिक्कबल्लापुर ज़िले के केम्पडेनहल्ली गांव की है. जहां कथित उच्च जातियों से आने वाले दस लोगों ने जेवर चुराने के संदेह में चौदह साल के एक दलित किशोर को खंबे से बांधकर बुरी तरह पीटा. पुलिस के अनुसार, घायल किशोर का अस्पताल में इलाज चल रहा है.
घटना कोलार ज़िले के मलूर तालुक के एक गांव में इस महीने की शुरुआत में घटी थी, जब गांव में निकाले जा रहे ग्राम देवता के जुलूस में 15 साल के लड़के के मूर्ति के स्पर्श के बाद उसके परिवार से साठ हज़ार रुपये का जुर्माना देने को कहा गया. ऐसा न करने पर उन्हें गांव से बाहर निकालने की धमकी दी गई.
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के संस्थापक सदस्य और उपाध्यक्ष महेंद्र राजभर ने राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर पर आरोप लगाया कि वह पार्टी के अभियान से भटक चुके हैं और अपने व्यक्तिगत अभियान के तहत धन बटोरने के चक्कर में लगे हुए हैं.
भारत और यहां रहने वाले सभी जातियों, समुदायों के नागरिकों का भविष्य अब संविधान के इसके वर्तमान स्वरूप में बचे रहने पर निर्भर करता है.
आरोप है कि 3 अगस्त को खरगोन ज़िले के बलकवाड़ा थानाक्षेत्र के निमरानी में एक फैक्ट्री परिसर में 24 साल के एक दलित शख़्स को पीटा गया. परिजनों का कहना है कि धर्म जानने के लिए पीड़ित के कपड़े भी उतरवाए गए. मामले में चार लोगों के ख़िलाफ़ केस दर्ज हुआ है और एक पुलिसकर्मी को निलंबित किया गया है.
भारत के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना ने द्रौपदी मुर्मू को देश के 15वें राष्ट्रपति के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. 64 वर्षीय मुर्मू इस सर्वोच्च संवैधानिक पद पर पहुंचने वाली देश की पहली आदिवासी और दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं. संथाल समुदाय से ताल्लुक रखने वाली राष्ट्रपति इससे पहले झारखंड की राज्यपाल भी रह चुकी हैं.
केरल राज्य अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति आयोग ने पुलिस से उन आरोपों को लेकर एक रिपोर्ट मांगी कि उसके अधिकारियों ने अलाप्पुझा ज़िले के हरिपद इलाके में एक दलित कॉलोनी में अवैध रूप से घरों में प्रवेश किया और वहां के कुछ निवासियों के ख़िलाफ़ जातिसूचक टिप्पणी की. पुलिस ने इन आरोपों से इनकार करते हुए कॉलोनी के लोगों पर अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार और मारपीट करने का आरोप लगाया है. इस संबंध में कॉलोनी के तीन लोगों को गिरफ़्तार किया गया
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में सोमवार को एक कार्यक्रम के दौरान कुछ अराजक तत्वों ने भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत पर स्याही फेंक दी थी. पुलिस ने इस सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ़्तार किया है. टिकैत ने इस घटना के लिए पुलिस को ज़िम्मेदार ठहराते हुए आरोप लगाया है कि उन पर हमला भाजपा नीत राज्य सरकार की मिलीभगत से किया गया था.