दिल्ली हाईकोर्ट ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत दर्ज एक प्राथमिकी को शिकायतकर्ता और आरोपियों के बीच हुए समझौते के आधार पर रद्द करने से इनकार कर दिया और कहा कि जब तक इस क़ानून को इसकी वास्तविक भावना में लागू नहीं किया जाता तब तक जाति आधारित भेदभाव से रहित समाज का सपना दूर की कौड़ी बना रहेगा.
यूपी में बीते कुछ चुनावों से सोशल इंजीनियरिंग का फॉर्मूला ही राजनीतिक दलों की सफलता का आधार बना है. वर्तमान चुनाव में समाजवादी पार्टी की सोशल इंजीनियरिंग चर्चा में है. हालांकि जानकारों के अनुसार, पिछले विधानसभा व लोकसभा चुनावों के दो अलग-अलग सपा गठबंधनों की विफलता के चलते इस बार के गठबंधन की कामयाबी को लेकर कोई सटीक दावा नहीं किया जा सकता.
ग्राउंड रिपोर्ट: बुंदेलखंड के चित्रकूट जिले के कर्वी ब्लॉक का रसिन राज्य के लोक निर्माण राज्यमंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय का गांव है. यहां ग्रामीण विस्थापन, बेरोज़गारी, आवारा पशु जैसी कई समस्याएं बताते हैं, हालांकि मतदान को लेकर उनकी राय मुद्दों की बजाय स्पष्ट तौर पर जातिगत समीकरणों पर आधारित है.
उत्तर प्रदेश की पूर्ववर्ती सपा सरकार में मंत्री रहे स्वर्गीय फतेह बहादुर सिंह के बेटे राजोल सिंह की के आश्रम के पास की जमीन से बीते 10 फरवरी को 22 वर्षीय दलित युवती का क्षत-विक्षत शव मिला था. युवती के लापता होने की शिकायत पर एफआईआर एक महीने बाद 10 जनवरी को दर्ज की गई थी. आरोपी को बीते 24 जनवरी को युवती के अपहरण के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था.
उत्तर प्रदेश के उन्नाव ज़िले का मामला है. 22 वर्षीय दलित युवती के लापता होने की शिकायत पिछले साल आठ दिसंबर को की गई थी और एफआईआर एक महीने बाद 10 जनवरी को दर्ज की गई थी. युवती का क्षत-विक्षत शव एक आश्रम के पास से निकाला गया, जो कि सपा सरकार में मंत्री रहे स्वर्गीय फतेह बहादुर सिंह के बेटे राजोल सिंह के स्वामित्व में है. राजोल को बीते 24 जनवरी को युवती के अपहरण के आरोप में गिरफ़्तार
योगी सरकार में वन मंत्री और मऊ की मधुबन सीट से विधायक दारा सिंह चौहान ने कहा कि वे पिछड़ों, किसानों और बेरोज़गार युवाओं के प्रति सरकार की उपेक्षा के चलते इस्तीफ़ा दे रहे हैं. उधर, इससे पहले पार्टी छोड़ने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य के ख़िलाफ़ सुल्तानपुर की एक अदालत ने सात साल पुराने मामले में गिरफ़्तारी का वॉरंट जारी किया है.
2019 में जाति विरोधी नेता टीएम उमर फ़ारुख़ की पुण्यतिथि के मौक़े रंजीत ने राजा राज चोलन की यह कहकर आलोचना की थी कि उनके शासनकाल में जाति व्यवस्था प्रचलन में थी, जिसके दौरान दलितों की ज़मीनें ज़ब्त की गईं और देवदासी प्रथा शुरू हुई. इस पर तंजावुर पुलिस ने स्वतः संज्ञान लेते हुए उनके ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की थी.
ऑक्सफैम इंडिया ने भारत में कोविड-19 टीकाकरण अभियान के साथ चुनौतियों पर अपने त्वरित सर्वेक्षण के परिणामों को जारी किया है, जिसमें दावा किया गया है कि कुल जवाब देने वालों में से 30 फ़ीसदी ने धर्म, जाति या बीमारी या स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर अस्पतालों में या स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों की ओर से भेदभाव किए जाने की जानकारी दी है.
वीडियो: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दावा है कि उनकी सरकार ने प्रदेश से भू-माफ़ियाओं को ख़त्म कर दिया है. मगर मेरठ में दलितों की ज़मीन भू-माफ़ियाओं द्वारा छीनी जा रही है और उनका शोषण किया जा रहा है. द वायर ने दलित समुदाय के इन लोगों से बात की, जिनका कहना है कि पुलिस-प्रशासन भू-माफ़िया को रोकने में असमर्थ हैं.
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के सहयोगी जीतन राम मांझी ने आरोप लगाया कि भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल, जे. शिवाचार्य महास्वामी, कांग्रेस सांसद मोहम्मद सादिक, टीएमसी की अपरूपा पोद्दार तथा निर्दलीय सांसद नवनीत रवि राणा जाली प्रमाणपत्रों के आधार पर चुनाव लड़ने के बाद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीटों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.
वीडियो: बसपा प्रमुख मायावती ने वादा किया है कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आई तो दलितों और ब्राह्मणों के ख़िलाफ़ अत्याचार के मामलों की जांच की जाएगी. इस बीच एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने अयोध्या से पार्टी के 2022 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव अभियान की शुरुआत की. इन घटनाक्रमों पर वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान के साथ आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
मामला इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड की राजस्थान इकाई का है, जहां अनुबंध पर तैनात 25 कर्मचारी जातिगत भेदभाव का आरोप लगाते हुए बीते दो दिनों से हड़ताल पर है. अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखने वाले इन कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें शौचालय, कैंटीन और अन्य जगहों का इस्तेमाल नहीं करने दिया जाता.
बीते 29 जून को उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ ज़िले के रौनापार के पलिया गांव के एक व्यक्ति से कुछ लोगों का विवाद हो गया था. मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मियों पर भी कथित रूप से हमला कर दिया गया. आरोप है कि इसके बाद बदले की कार्रवाई करते हुए पुलिस ने इस दलित बाहुल्य गांव में प्रधान समेत कई घरों में जमकर तोड़फोड़ की और उन्हें गिरा दिया गया. पुलिस ने ग्रामीणों के इस आरोप से इनकार करते हुए अज्ञात लोगों
समाज के वंचित वर्गों के लिए आय बढ़ाने के संबंध में भाजपा सरकार के सभी प्रमुख वादों के अब तक कोई ठोस परिणाम नहीं मिले हैं.
उत्तर प्रदेश में बीते दो हफ़्तों में दलितों पर उत्पीड़न की तीन घटनाएं सामने आई हैं, जो कानपुर, चंदौली और आज़मगढ़ में हुई हैं. इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर संबंधित घटनाओं के वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस हरकत में आई है. राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर दलित उत्पीड़न की इन घटनाओं पर जवाब मांगा है.