गुजरातः पार-तापी-नर्मदा नदी जोड़ो परियोजना के विरोध में क्यों हैं आदिवासी

इस परियोजना के तहत पश्चिमी घाट के जल अधिशेष क्षेत्रों से सौराष्ट्र और कच्छ के पानी को जल की कमी वाले क्षेत्रों में स्थानांतरित करने के लिए तीन नदियों- पार, तापी और नर्मदा को जोड़ने का प्रस्ताव है. इसके चलते कई हेक्टेयर क्षेत्र जलमग्न होंगे. जिन ज़िलों में यह परियोजना क्रियान्वित होनी है, वह आदिवासी बहुल हैं, जो इसके विरोध में हैं.

गुजरात: केंद्र की पार-तापी-नर्मदा नदी लिंक परियोजना के विरोध में हज़ारों आदिवासियों का प्रदर्शन

केंद्र सरकार ने पार-तापी-नर्मदा नदियों को जोड़कर बांध बनाने का निर्णय लिया है. इस नदी लिंक परियोजना के क्षेत्र में दक्षिण गुजरात और महाराष्ट्र का नासिक ज़िला आएगा. साल 2007-08 में आदिवासियों के कड़े विरोध के बाद यह परियोजना रुक गई थी. आदिवासी नेताओं का आरोप है कि केंद्र ने नर्मदा योजना की विफलता छिपाने के लिए परियोजना को डिजाइन किया है.

गुजरात विधानसभा चुनाव: ‘सरकार हमारे रीति-रिवाज़ों को न मानते हुए हिंदू धर्म थोप रही है’

ग्राउंड रिपोर्ट: ए​क विधानसभा सीट वाले डांग ज़िले में रोज़गार के लिए पलायन और आदिवासियों की धार्मिक पहचान अहम मुद्दा है.