हम सब कौन हैं और कहांं से आए हैं- यह एक महत्वपूर्ण सवाल है - न सिर्फ डीएनए को समझ औषधि में विकास लाने के लिए, पर अपना अतीत और अस्तित्व जानने के लिए भी. लेकिन क्या हम असल में जान पाए हैं कि मनुष्य प्रजाति कहांं से आई.
पृथ्वी का जन्म लगभग 460 करोड़ साल पहले हुआ था और पृथ्वी पर जीवन का जन्म कम से कम 375 करोड़ साल पहले. अगर 460 करोड़ साल का यह प्रयोग दोहराया जाए, तो क्या हम मनुष्यों जैसे जीव धरती पर पाए जाएंगे या फिर जीवन की रचना की कहानी बिल्कुल अलग होगी?
कांग्रेस ने धर्मनिरपेक्षता का नाम लेना छोड़ दिया है. वह विचार जो उस पार्टी का विशेष योगदान था, भारत को ही नहीं, पूरी दुनिया को, उसमें उसे इतना विश्वास नहीं रह गया है कि चुनाव के वक़्त उसका उच्चारण भी किया जा सके.
किसी भी देश या समाज का यह रवैया कि उसकी धार्मिक पुस्तक या मान्यताएं थियरी आॅफ एव्रीथिंग हैं और इनमें ही भूत, वर्तमान, भविष्य का सारा ज्ञान और विज्ञान निहित है, बहुत ही आत्मघाती है.
भारत में बंददिमागी एवं अतार्किकता को जिस किस्म की शह मिल रही है और असहमति की आवाज़ों को सुनियोजित ढंग से कुचला जा रहा है, उसे रोकने की ज़रूरत है ताकि संविधान को बचाया जा सके.
पिछले कुछ समय में कई जघन्य अपराधों में बच्चों के शामिल होने की घटनाएं सामने आई हैं.