राफेल मामले की सुनवाई के दौरान कैग रिपोर्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट में गलत तथ्य देने के आरोप में कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है.
राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले में जिस कैग रिपोर्ट का ज़िक्र है, उसके बारे में कांग्रेस नेता आनंद शर्मा का कहना है कि ऐसी कोई रिपोर्ट न ही सार्वजनिक की गई है न ही संसदीय समिति को सौंपी गई है.
नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा फ्रांस से हुए 36 राफेल विमान के सौदे में कथित अनियमितताओं की जांच की याचिका भले ही सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दी हैं, लेकिन इसको लेकर छिड़ा विवाद अभी थमता नज़र नहीं आता.
राफेल मामले में दिए गए फ़ैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कैग के साथ राफेल की क़ीमत का ब्यौरा साझा किया गया और कैग की रिपोर्ट पर पीएसी ने ग़ौर किया. हालांकि पीएसी के सदस्यों का कहना है कि उनके पास न ऐसी कोई रिपोर्ट आई, न ही उन्होंने इसे जांचा है.
राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले में बताई गई कैग रिपोर्ट के बारे में संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) के अध्यक्ष और कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि अदालत को ग़लत जानकारी दी गई, जिसके आधार पर यह फ़ैसला आया है.
राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले में जिस कैग रिपोर्ट का ज़िक्र है, उसके बारे में याचिकाकर्ताओं और पब्लिक एकाउंट्स कमेटी का कहना है कि ऐसी कोई रिपोर्ट न ही सार्वजनिक की गई है न ही संसदीय समिति को सौंपी गई है.
सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील मामले में जांच की मांग वाली सभी याचिकाओं को ख़ारिज करते हुए कहा कि हमें रक्षा सौदे में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं मिला.
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा, 'कोर्ट का ये काम नहीं है कि वो निर्धारित की गई राफेल कीमत की तुलना करे. हमने मामले की अध्ययन किया, रक्षा अधिकारियों के साथ बातचीत की, हम निर्णय लेने की प्रक्रिया से संतुष्ट हैं.'
फ्रांस में एक संगठन ने नेशनल फाइनेंशियल प्रॉसिक्यूटर के दफ़्तर में राफेल सौदे में संभावित भ्रष्टाचार की शिकायत दर्ज कराते हुए भारत के साथ हुए 36 राफेल विमानों के सौदे और रिलायंस को ऑफसेट पार्टनर के बतौर चुने जाने पर स्पष्टीकरण मांगा है.
सुप्रीम कोर्ट में राफेल सौदे पर जांच की मांग को लेकर दायर याचिकाओं पर बहस पूरी हुई. शीर्ष अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा. केंद्र सरकार का शीर्ष अदालत में राफेल विमानों के दाम की जानकारी सार्वजनिक करने से इनकार.
समाचार एजेंसी एएनआई को दिए एक साक्षात्कार में दासो एविएशन के सीईओ एरिक ट्रैपियर ने रिलायंस के साथ हुए क़रार को लेकर लगे आरोपों पर कहा कि मैंने जो पहले कहा वही सच है. मैं झूठ नहीं बोलता हूं. एक सीईओ होकर आप झूठ नहीं बोल सकते.
प्रशांत भूषण ने कहा कि राफेल करार में 20,000 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है और राष्ट्रीय सुरक्षा से भी समझौता किया गया है. इससे पहले उन्होंने दावा किया था कि राफेल सौदा इतना बड़ा घोटाला है जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते हैं.
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के अध्यक्ष ने कहा कि जैसा कि राफेल सौदे में सरकार सीधे शामिल थी इसलिए हम विमान की कीमत और नीतियों पर टिप्पणी नहीं कर सकते.
राफेल सौदे में भागीदारी के बाद फ्रांस की दासो कंपनी ने अनिल अंबानी समूह की एक निष्क्रिय पड़ी कंपनी में 35 प्रतिशत हिस्सेदारी ख़रीदकर इसे क़रीब 284 करोड़ रुपये का मुनाफ़ा पहुंचाया.
शीर्ष न्यायालय ने सरकार से कहा कि जो भी जानकारी क़ानूनी रूप से सार्वजनिक की जा सकती है उसे याचिकाकर्ताओं को दिया जाए. यदि कोई सूचना गोपनीय है तो उसे सीलबंद लिफाफे में कोर्ट को सौंपें. साथ ही अदालत ने यह भी कहा कि अगर केंद्र राफेल की क़ीमत नहीं बता सकता है तो हलफ़नामा दायर करे.