कच्छ ज़िले के मुंद्रा थाने का मामला. 12 जनवरी को चोरी के संदेह में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ़्तार किया था, जिनमें से एक की मौत 19 जनवरी को हो गई थी. तब भी आरोप लगा था कि पुलिस की बर्बर पिटाई के बाद उनकी जान गई.
गुजरात के कच्छ ज़िले के मुंद्रा पुलिस स्टेशन का मामला. चोरी के संदेह में गिरफ़्तार किए गए एक मज़दूर की 19 जनवरी को मौत हो गई थी. आरोप है कि हिरासत में बेरहमी से उनकी पिटाई की गई थी. मामले में मुंद्रा पुलिस इंस्पेक्टर को भी लापरवाही बरतने की वजह से निलंबित किया गया है.
मामला बदायूं ज़िले के मुजरिया थाना क्षेत्र का है. ज़मीन को लेकर हुए विवाद के बाद थाने लाए गए एक 50 वर्षीय किसान की मौत हो गई. परिजनों का यह भी आरोप है कि पुलिस ने एकपक्ष पर ही कार्यवाही की, जबकि दूसरे पक्ष को छोड़ दिया गया.
बीते 17 अक्टूबर को असम के कछार ज़िले के लैलापुर गांव और मिज़ोरम के कोलासिब ज़िले के वैरेंगटे गांव के निवासियों के बीच हिंसक झड़प हुई थी, जिसके बाद से दोनों राज्यों में तनाव जारी है. इसी दौरान असम के एक व्यक्ति की मिज़ोरम में कथित तौर पर पुलिस हिरासत में मौत हो गई.
असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने एक व्यक्ति की पड़ोसी राज्य में हिरासत में मौत के बाद गृहमंत्री अमित शाह को मिज़ोरम के साथ तनाव के मुद्दे पर पत्र लिखा है. बीते 17 अक्टूबर को असम के कछार ज़िले के लैलापुर गांव और मिज़ोरम के कोलासिब ज़िले के वैरेंगटे गांव के निवासियों के बीच हिंसक झड़प हुई थी, जिसके बाद से दोनों राज्यों में तनाव जारी है.
इस साल जून में पुलिस हिरासत में हुई जयराज और उनके बेटे बेनिक्स की मौत के मामले में सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें कहा गया है कि उन्हें इतनी बुरी तरह से पीटा गया था कि उनका ख़ून दीवारों पर फैल गया था. इसके बाद पुलिस ने उन्हें उनके ही कपड़ों से ख़ून पोंछने के लिए मजबूर किया.
दक्षिण दिल्ली में रविवार को चोरी के मामले में हिरासत में लिए गए 45 वर्षीय ऑटो-रिक्शा चालक की मौत के बाद परिजनों ने पुलिस पर बर्बरतापूर्वक मारपीट का आरोप लगाया है. वहीं, द्वारका इलाके में दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल में तैनात एसआई को महिलाओं से छेड़छाड़ के आरोप में गिरफ़्तार किया गया है.
एनसीआरबी की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, साल 2019 में कुल 53 लोगों की पुलिस हिरासत में मौत हुई थी.
उत्तर प्रदेश के रायबरेली ज़िले का मामला. चोरी मामले में युवक को गिरफ़्तार किया गया था. परिवारवालों ने हिरासत में पुलिस प्रताड़ना का आरोप लगाया है, जबकि पुलिस का कहना है कि पेट में दर्द होने की शिकायत पर उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां युवक की मौत हो गई.
यह घटना पिछले साल दिसंबर में गुजरात के वडोदरा के फतेहगंज थाने में हुई थी. मृतक 62 वर्षीय बाबू शेख़ तेलंगाना के मूल निवासी थे. आरोपियों के ख़िलाफ़ मृतक को यातना देने, उसकी हत्या करने और सबूत मिटाने का केस दर्ज किया गया है.
जोरहाट इलाके में उल्फा-आई और एनएससीएन-आईएम के सदस्यों के होने की मौजूदगी की सूचना मिलने पर सेना और पुलिस के संयुक्त अभियान में जयंत बोरा को उनके घर से हिरासत में लिया गया था.
मृतक की पत्नी का आरोप है कि पुलिस हिरासत में यातना के कारण उसके पति की जान गयी है. उसने यह आरोप भी लगाया कि पति को छोड़ने के लिए पुलिस ने रिश्वत मांगी थी.
उत्तर प्रदेश के अमरोहा में पुलिस ने चोरी के मामले में पूछताछ के लिए एक युवक को गिरफ़्तार किया था. परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने युवक को छोड़ने के लिए पांच लाख रुपये रिश्वत मांगी थी, जिसे न देने पर उसे बर्बर यातनाएं दी गईं.
उत्तर प्रदेश के अमरोहा का मामला. मृतक की पत्नी ने आरोप लगाया कि पुलिस की पिटाई से पति की मौत हुई और पुलिस ने उन्हें रिहा करने के लिए रिश्वत की मांग की थी. मामले में 11 पुलिसकर्मी निलंबित किए जा चुके हैं.
तकरीबन दो साल के धरने के बाद कई राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि युवक से मिलने पहुंचे और केंद्र से की दख़ल की मांग.