केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा संसद में पेश राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की एक रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात के बाद पिछले पांच साल में महाराष्ट्र में 76, मध्य प्रदेश में 49, उत्तर प्रदेश में 41, तमिलनाडु में 40, बिहार में 38, राजस्थान में 32, पंजाब में 31, पश्चिम बंगाल में 30 और दिल्ली में 29 लोगों की मौत हिरासत में हुई है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यसभा को सूचित किया है कि वर्ष 2017 से 2022 के बीच गुजरात में पुलिस हिरासत में 80 लोगों की मौत हुई है. इसके बाद महाराष्ट्र में 76, उत्तर प्रदेश में 41, तमिलनाडु में 40 और बिहार में 38 लोगों की मौत के मामले सामने आए हैं.
उत्तर प्रदेश के अमेठी ज़िले के पीपरपुर क्षेत्र में एक बैंक कर्मचारी से 26 लाख रुपये लूटे जाने के मामले में पूछताछ के मक़सद से हिरासत में लिए गए एक व्यक्ति की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. अमेठी ज़िलाधिकारी ने बताया कि मामले की मजिस्ट्रेट और विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं.
उत्तर प्रदेश के अमेठी में भी हिरासत में मौत का मामला सामने आया. परिजन ने पुलिस पर ज़हर खिलाने का आरोप लगाया. बैंक कर्मचारी से 26 लाख रुपये की लूट के मामले में पुलिस ने हिरासत में लिया था.