उत्तर प्रदेश: कथित रूप से क़र्ज़ से परेशान किसान ने फांसी लगाकर जान दी

मामला हमीरपुर ज़िले का है. पुलिस के अनुसार मृतक किसान की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी. संभव है कि उन्होंने क़र्ज़ और आर्थिक तंगी के चलते आत्महत्या की है.

कैफ़े कॉफ़ी डे ने अप्रैल से जून के बीच 280 रेस्तरां बंद किए

कैफ़े कॉफ़ी डे ने एक बयान में कहा कि कम मार्जिन की वजह से निर्यात कारोबार फिलहाल ठप पड़ा है. पूंजी की ज़रूरतों, मुनाफ़े, भविष्य के ख़र्चे इत्यादि को देखते हुए कंपनी ने अपने क़रीब 280 रेस्तरां बंद कर दिए हैं.

क्या मोदी सरकार का आख़िरी बजट वास्तव में भारत की तरक्की की कहानी बयां करता है?

3000 करोड़ रुपये की मूर्ति, 1 लाख करोड़ रुपये की बुलेट ट्रेन उस देश की सबसे पहली ज़रूरतें हैं, जहां छह करोड़ बच्चे कुपोषित हैं, शिक्षकों के दस लाख पद ख़ाली हैं, सवा तीन लाख किसान आत्महत्या कर चुके हैं और 20 करोड़ लोग रोज़ भूखे सोते हैं.

हमें राजनीतिक आज़ादी तो मिल गई, लेकिन सामाजिक और आर्थिक आज़ादी कब मिलेगी?

आज़ादी के 71 साल: सरकार यह महसूस नहीं करती है कि शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण और सामाजिक सुरक्षा पर किया गया सरकारी ख़र्च वास्तव में बट्टे-खाते का ख़र्च नहीं, बल्कि बेहतर भविष्य के लिए किया गया निवेश है.

एक किसान का आख़िरी ख़त: मेरी मौत के लिए मेरे साथ शासन भी ज़िम्मेदार

मध्य प्रदेश के विदिशा जिले की गंजबासौदा तहसील में फसल बीमा की राशि न मिलने से एक किसान की आत्महत्या का मामला सामने आया है.