कोकराझार जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने महिला की पहचान राबेदा बेगम के रूप में की, जो कि फरवरी 2018 से हिरासत में थीं.
इसमें से 95 लोग तीन साल या इससे भी ज्यादा समय से इन केंद्रों में बंद हैं. पिछले चार सालों में डिटेंशन सेंटर में बीमारी से 26 लोगों की मौत हुई है.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने लोकसभा में बताया कि असम के छह डिटेंशन सेंटर, जहां घोषित विदेशी या दोषी विदेशियों को रखा जाता है. इनमें 3331 लोगों को रखने की क्षमता है. इससे पहले सरकार ने बताया था कि बीते तीन साल में असम के डिटेंशन सेंटर में 29 लोगों की मौत हो चुकी है.
इस मौत के साथ ही अब तक असम स्थित डिटेंशन सेंटरों में रखे गए लोगों की होने वाली मौतों की संख्या 29 पहुंच चुकी है. इन डिटेंशन सेंटरों में करीब 1000 लोगों को रखा गया है.
असम के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता तरुण गोगोई ने कहा कि मोदी झूठे हैं. असम के गोलपाड़ा ज़िले के मटिया में तीन हज़ार अवैध प्रवासियों के रहने के मद्देनज़र एक बड़े हिरासत केंद्र के निर्माण के लिए नरेंद्र मोदी की सरकार ने 46 करोड़ रुपये मंज़ूर किए थे. वह अचानक कहते हैं कि देश में कोई हिरासत केंद्र नहीं है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में हिरासत केंद्र बनाए जाने और हिरासत केंद्र बनाने को लेकर केंद्र द्वारा विभिन्न राज्यों को भेजे गए दिशानिर्देशों को नकारते हुए बीते रविवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में कहा था कि भारत में कहीं भी हिरासत केंद्र नहीं है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह भी दावा किया कि उनकी सरकार में एनआरसी शब्द पर कोई चर्चा नहीं हुई है. हालांकि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत भाजपा के विभिन्न नेताओं ने समय-समय पर कहा है कि देश भर में एनआरसी लागू किया जाएगा.
नागरिकों की ‘शुद्धता की कवायदें और अंधराष्ट्रवाद’ वह खाद-पानी है, जिस पर दक्षिणपंथी राष्ट्रवादी विचार मज़बूती पाता है.
असम के संसदीय कार्य मंत्री चंद्रमोहन पटवारी ने विधानसभा में बताया कि इस साल अब तक डिटेंशन सेंटरों में विदेशी घोषित किए गए सात लोगों की जान जा चुकी है.